पॉश पखवाड़ा के अंतर्गत जिला स्तरीय सेमिनार का हुआ आयोजन

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जयपुर। सरकार के निर्देशों की अनुपालना में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) पखवाड़ा के अंतर्गत शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन के सौजन्य से आयोजित इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा एवं गरिमा सुनिश्चित करने हेतु पॉश अधिनियम के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा। सेमिनार में उपनिदेशक, महिला अधिकारिता विभाग डॉ. राजेश डोगीवाल ने पॉश अधिनियम बनाए जाने की आवश्यकता, उसके ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य तथा कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पॉश अधिनियम का मूल उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित, सम्मानजनक एवं भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराना है। डॉ. डोगीवाल ने अपने संबोधन में आंतरिक शिकायत समिति के गठन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हुए बताया कि जिस भी संस्थान में 10 या उससे अधिक कार्मिक कार्यरत हैं, वहां आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गठित समितियों का विवरण राज्य सरकार के सी-पोर्टल पर अपलोड किया जाना भी अनिवार्य प्रावधान है। उन्होंने लोकल शिकायत समिति के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि जिन संस्थानों में आंतरिक समिति का गठन संभव नहीं है या जहां शिकायत नियोक्ता के विरुद्ध हो, वहां लोकल कमेटी के माध्यम से शिकायत की जा सकती है।सेमिनार में महिला अधिकारिता विभाग की समस्त महिला सुपरवाइजर, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र की काउंसलर, जयपुर जिले में कार्यरत विभिन्न संस्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, होटल, हॉस्पिटल सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों के साथ संवाद के दौरान पॉश अधिनियम से संबंधित व्यवहारिक पहलुओं, शिकायत निवारण प्रक्रिया एवं दायित्वों पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित प्रतिनिधियों से अपील की गई कि वे अपने-अपने संस्थानों में पॉश अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें तथा महिलाओं के लिए सुरक्षित एवं सम्मानजनक कार्यस्थल निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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