एंथ्रोपिक का नया टूल ‘इंटरव्यूअर’ लॉन्च, एआई का इस्तेमाल और यूजर्स की सोच का करेगा अध्ययन

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नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सुरक्षा पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच एंथ्रोपिक ने ‘इंटरव्यूअर’ नाम का एक नया एआई टूल लॉन्च किया है। नाम के अनुरूप ही ये टूल लोगों का एआई पर इंटरव्यू या साक्षात्कार लेगा। इसका उद्देश्य यह जानना है कि लोग अपने काम में एआई का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं? और यूजर्स की एआई के बारे में सोच क्या है? इस टूल ने अलग-अलग क्षेत्रों के 1,250 विशेषज्ञों से बात की। इसमें सामान्य नौकरियों, क्रिएटिव फील्ड और साइंस के विशेषज्ञ शामिल थे। ज्यादातर ने एआई को फायदेमंद बताया। कंपनी का कहना है कि ‘इंटरव्यूअर’ टूल किसी काम को करने के लिए नहीं बनाया गया। बल्कि यह समझने के लिए किया गया है कि लोग एआई के बारे में क्या सोचते हैं और एआई को कैसे उपयोग करते हैं। यह Claude एआई पर आधारित है। जो व्यवस्थित तरीके से सवाल पूछकर यह समझता है कि लोग अपने पेशे में एआई का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं और इसके असर को कैसे देखते हैं। एक हफ्ते के पायलट में, Claude यूजर्स को इन इंटरव्यू के लिए पॉप-अप भेजता था। एंथ्रोपिक ने इस टूल को 1,250 विशेषज्ञों पर टेस्ट किया। ये लोग अलग-अलग इंडस्ट्री से थे। कंपनी ने इंटरव्यू का गुमनाम डाटा भी सार्वजनिक किया है ताकि समझा जा सके कि अलग-अलग क्षेत्रों में एआई कैसे भूमिका निभा रहा है।

कैसे काम करता है ‘इंटरव्यूअर’ टूल?
यह तीन चरणों में काम करता है:
1. प्लानिंग: शोधकर्ता एआई से बने सवालों को अपने रिसर्च के मुताबिक थोड़ा बदल लेते हैं, ताकि वे उनके काम के लिए बिल्कुल सही हों।
2. इंटरव्यू: एआई इंसानों की तरह बातचीत करता है। वह सवाल पूछता है और आपके जवाब के हिसाब से अगले सवाल बदलता रहता है।
3. विश्लेषण: इंटरव्यू की पूरी बातचीत (ट्रांस्क्रिप्ट) रिसर्च टीम को भेजी जाती है, जहां विशेषज्ञ उसे ध्यान से पढ़कर उसका विश्लेषण करते हैं।
ज्यादातर प्रोफेशनल्स ने कहा- एआई मददगार है
लगभग 86% सामान्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि एआई से उनका समय बचता है। लगभग हर दो में से एक व्यक्ति एआई की मदद से खुश दिखा। कई लोगों ने माना कि एआई समय लेने वाले कामों में बहुत काम आता है, जिससे वे जरूरी कामों पर ध्यान दे पाते हैं। हालांकि कुछ लोगों को चिंता है कि एआई पर ज्यादा निर्भरता से उनकी कौशल क्षमता कमजोर हो सकती है।

एआई इस्तेमाल करने के दो तरीके दिखे
लोगों ने दो तरीके से एआई इस्तेमाल किया जिसको एंथ्रोपिक ने पहचाना:
1. ऑग्मेंटेशन (सहयोगी रूप में): यानी एआई को एक साथी टूल के रूप में इस्तेमाल करना।
2. ऑटोमेशन: यानी एआई को कम निगरानी में अपने आप काम करने देना।
करीब 65% लोग एआई को सहयोगी की तरह इस्तेमाल करते हैं, जबकि 35% लोग इसे अधिक छूट देते हैं। इससे साफ पता चलता है कि ज्यादातर लोग एआई को अपने काम का साथी मानते हैं, न कि अपने स्थान का विकल्प।

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