भारतीय क्रिकेट जरूरी, मेरे भविष्य का फैसला बीसीसीआई करेगा : गौतम गंभीर

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नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज 0-2 से गंवाने के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उनके भविष्य का फैसला करेगा। इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर भारत की युवा टीम के शानदार प्रदर्शन की याद दिलाई है। भारतीय टीम कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट मुकाबले में महज 124 रन का पीछा करते हुए 30 रन से मैच हारी थी। इसके बाद गुवाहाटी में उसे 549 रन का मुश्किल लक्ष्य दिया गया। इसका पीछा करने उतरी टीम इंडिया महज 140 रन पर सिमट गई। साउथ अफ्रीका ने यह मैच 408 रन के अंतर से जीता। पिछले साल भारत ने न्यूजीलैंड के विरुद्ध 0-3 से घरेलू टेस्ट सीरीज गंवाई थी। टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के हालिया खराब प्रदर्शन को लेकर गंभीर की कोचिंग सवालों के घेरे में है। गंभीर के मार्गदर्शन में भारत ने अब तक छह टेस्ट सीरीज खेली हैं, जिनमें से सिर्फ दो में जीत मिली, जबकि एक सीरीज ड्रॉ रही।
दूसरे टेस्ट की समाप्ति के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने कहा, “यह बीसीसीआई को तय करना है। जब मैंने हेड कोच का पद संभाला था, तो मैंने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- इंडियन क्रिकेट जरूरी है, मैं जरूरी नहीं हूं। मैं यहां बैठकर ठीक यही बात कहता हूं।”
उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर भारत के शानदार प्रदर्शन को याद किया। उस दौरे में भारत ने पांच मुकाबलों की टेस्ट सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म किया था। कोच ने कहा, “मैं वही आदमी हूं जिसने इंग्लैंड में भी एक युवा टीम के साथ नतीजे हासिल किए थे। मुझे यकीन है कि आप लोग बहुत जल्द भूल जाएंगे, क्योंकि बहुत से लोग न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज की बात करते रहते हैं। मैं वही आदमी हूं जिसके मार्गदर्शन में हमने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप भी जीता था।”
गौतम गंभीर ने स्वीकारा है कि भारत की इस युवा टीम के पास अनुभव कम है। उन्होंने कहा, “हां, यह एक ऐसी टीम है जिसके पास कम अनुभव है। मैंने पहले भी कहा है कि उन्हें सीखते रहने की जरूरत है। वे हालात बदलने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।”
गंभीर के कार्यकाल में, भारत ने अब तक 18 में से 10 टेस्ट मैच गंवाए हैं। गुवाहाटी में 408 रन से हार, टेस्ट में रनों के अंतर से उसकी सबसे बड़ी शिकस्त थी।
गंभीर को हाल के महीनों में प्लेइंग इलेवन में बार-बार बदलाव करने और लंबे फॉर्मेट में स्पेशलिस्ट बैट्समैन और बॉलर के बजाय ऑलराउंडर को तरजीह देने के लिए आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है।
उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि हम साथ में जीतते हैं, साथ में हारते हैं। इसलिए मैं ऐसा नहीं बनने वाला जो यह कहे कि यह किसी खिलाड़ी पर निर्भर करता है। यह उस ड्रेसिंग रूम में बैठे हर किसी खिलाड़ी पर निर्भर करता है। फिर से जिम्मेदारी सभी पर आनी चाहिए। एक समय हमारा स्कोर 95/1 था। मुझे यकीन है कि आप लोग मैच देख रहे होंगे। 95/1 से 120/7 (122/7) तक का स्कोर मंजूर नहीं है।” गौतम गंभीर को विश्वास है कि अनुभव के साथ भारत की यह युवा टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, “मैं बहाने नहीं बनाता। मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया। मैं भविष्य में भी ऐसा कभी नहीं करूंगा। लेकिन अगर आप देखें तो इस टॉप 8 में 4-5 बैट्समैन ने सचमुच 15 से कम टेस्ट मैच खेले हैं और वे आगे बढ़ेंगे। वे मैदान पर सीख रहे हैं। जब आप किसी टॉप-क्वालिटी टीम के खिलाफ खेल रहे हों, तो टेस्ट मुकाबला कभी आसान नहीं होता। आपको उन्हें समय देना होगा।”

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