जयपुर। अयोध्या धाम में आयोजित विशाल धर्म ध्वज उत्सव की प्रेरणा से मंगलवार को पूरा राजस्थान आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह से सराबोर दिखाई दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सानिध्य में अयोध्या में धर्म ध्वजा फहराकर श्रीराम मंदिर निर्माण की पूर्णता का संदेश विश्व भर में प्रेषित करने के साथ ही उसी शुभ घड़ी में राजस्थान के गांव–गांव, नगर–नगर, मंदिरों, प्रतिष्ठानों और घर–घर में धर्म ध्वजाएं एक साथ लहराईं।
जयपुर, जिसे ‘छोटी काशी’ के रूप में धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का विशेष गौरव प्राप्त है, यहां के सभी प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ध्वजारोहण किया गया। हजारों धर्म प्रेमियों, स्वयंसेवकों, मंदिर ट्रस्टों और स्थानीय समाजों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया।
आदर्श नगर स्थित श्रीराम मंदिर में संत अमरनाथ महाराज के सानिध्य में धर्म ध्वजा फहराई गई। जैसे ही मंदिर के उच्चतम शिखर पर भगवा ध्वज फहरा, वहीं उपस्थित श्रद्धालुओं ने एक स्वर में “जय श्री राम” के उद्घोष से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। बैंड वादन के साथ महाआरती की गई और कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
गलता गेट स्थित गीता गायत्री मंदिर में पंडित राजकुमार चतुर्वेदी महाराज के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर शिखर पर धर्म ध्वजा फहराई गई।
इसी प्रकार विद्याधर नगर सेक्टर-2 स्थित श्रीराम–जानकी माता मंदिर में विवाह पंचमी पर ध्वजारोहण कर भगवान श्रीराम–सीता विवाह उत्सव की दिव्यता का प्रसार किया गया।
जयपुर के अन्य सभी प्रमुख श्रीराम मंदिरों और हनुमान मंदिरों में भी श्रद्धा और उत्साह के साथ धर्म ध्वजाएं फहराई गईं। पूरे शहर का वातावरण भक्तिमय रहा और मंदिरों में दिनभर दर्शन, पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का क्रम चलता रहा।
धर्म ध्वज उत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि संपूर्ण सनातन समाज के लिए आस्था, एकता और सांस्कृतिक गौरव का अद्वितीय क्षण बन गया। जयपुर सहित पूरे राजस्थान में एक साथ ध्वज फहराने से आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह हुआ और विश्व को सनातन धर्म की दिव्यता तथा भारत की एकता का सशक्त संदेश मिला।



