कोलायत के गंगा सरोवर कैचमेंट एरिया में अवैध खनन गतिविधियों से ड्रोन सर्वे शुरू

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जयपुर। खान विभाग ने बीकानेर के कोलायत क्षेत्र के गंगा सरोवर कैचमेंट एरिया में अवैध खनन के आकलन के लिए मंगलवार से ड्रोन सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। अवैध खनन गतिविधियों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा तकनीक के युग में अवैध खनन गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए ड्रोन जैसी नवीनतम तकनीक के उपयोग पर जोर देते रहे हैं। कोलायत के गंगासागर कैचमेंट एरिया में खनिज क्ले के अवैध खनन की जानकारी प्राप्त होते ही संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर ड्रोन सर्वे के निर्देश दिए गए। ड्रोन सर्वे में माइनिंग व जियोलॉजी विंग के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई है जिससे पारदर्शिता के साथ तय समय-सीमा में वास्तविक आकलन हो सकें।
प्रमुख सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त खान विभाग के अधीक्षण अभियंताओं सहित फील्ड अधिकारियोें को अवैध खनन गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई के साथ ही ड्रोन से सर्वें कराते हुए निगरानी रखने के निर्देश समीक्षा बैठकों में देते रहे हैं। कोलायत के गंगासरोवर कैचमेंट एरिया में अवैध खनन की जानकारी संज्ञान में आते ही ड्रोन सर्वें कराकर आकलन के निर्देश दिए गए हैं।
निर्देशों के क्रियान्विति में अधीक्षण खनि अभियंता एनके बैरवा के मार्गदर्शन में मंगलवार से ड्रोन सर्वे आरंभ हो गया है। खनि अभियंता धीरज पंवार, वरिष्ठ भू वैज्ञानिक मनोहर सिंह राठौड़ व करणवीर सिंह द्वारा ड्रोन सर्वे विशेषज्ञों के साथ सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है। एक मोटे अनुमान के अनुसार 70-75 हैक्टेयर क्षेत्र में ड्रोन सर्वे के माध्यम से अवैध खनन का आकलन किया जाएगा। इसमें तीन से चार दिन का समय लगने की संभावना है। गौरतलब है कि पिछले दिनों कोलायत के गंगा सरोवर कैचमेंट एरिया में खनिज क्ले आदि के अवैध खनन गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हुई है। राज्य सरकार द्वारा प्रकरण संज्ञान में आते ही सख्त कदम उठाते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई शुरू कर दी है।
ड्रोन सर्वें की रिपोर्ट प्राप्त होने पर वास्तविक अवैध खनन का आकलन हो पाएगा। इसके साथ ही रिपोर्ट का परीक्षण कर विभाग द्वारा संबंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने सभी अधीक्षण खनि अभियंताओं व फील्ड अधिकारियों को अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश देने के साथ ही आधुनिक नवीनतम तकनीक के उपयोग के निर्देश दिए हैं।

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