जैसलमेर : रेत, दूरी और तपिश के बीच भी नहीं थमे कदम, समय से पहले पूरा किया एसआईआर का लक्ष्य

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जैसलमेर। राजस्थान की विशाल थार मरुस्थलीय धरती, जहाँ दूर-दूर तक फैली ढाणियां, तपती हवाएं और रेतीले टीलों के बीच जीवन अपनी अलग ही गति से चलता है, वहीँ इन दिनों लोकतंत्र की आधारशिला को मजबूत करने की एक महत्वपूर्ण मुहिम जारी है। मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण–2026 के तहत हर घर तक मतदाता बनाने, सुधारने और नामावलियों को अद्यतन करने का दायित्व निभा रहे हैं बूथ लेवल अधिकारी (BLO)। यह कार्य जितना संवेदनशील है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी।

इन्हीं चुनौतियों को अवसर में बदलने और अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 84 के बीएलओ करनैल सिंह ने, जिन्हें इस उत्कृष्टता के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया।

रेगिस्तान की कठिन राह, पर कदम नहीं डगमगाए

करनैल सिंह का कार्यक्षेत्र जैसलमेर के अत्यंत दूरस्थ एवं बिखरे हुए ढाणी-क्षेत्रों में फैला हुआ था। यहाँ ढाणियों के बीच कई किलोमीटर की दूरी, रास्तों में ऊँचे-ऊँचे रेतीले टीले एवं कई गांवों में पहुँचने के लिए पक्की सड़क तक नहीं, ये सब परिस्थितियाँ रोज उनके सामने खड़ी रहती थीं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को कठिन नहीं, बल्कि “आवश्यक” माना।

कुछ मतदाता अपने मूल निवास से दूर चले गए थे, कई तो ऐसे स्थानों पर जहाँ पहुंचना ही एक दिन का काम था। उन्हें ढूंढने और उनके फॉर्म भरवाने के लिए करनैल सिंह ने प्रतिदिन कई-कई किलोमीटर का सफर किया। कुल मिलाकर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा पैदल रेगिस्तानी टीलों पर चलकर तय किया गया, यह उनकी लगन का प्रमाण है।

सिर्फ समय पर ही नहीं, उत्कृष्टता के साथ पूरी की जिम्मेदारी

4 नवंबर से शुरू हुआ एसआईआर–2026 का कार्य 19 नवंबर तक करनैल सिंह ने सौ प्रतिशत शुद्धता के साथ पूरा किया। मतदाता सूची अद्यतन का कार्य केवल संख्याकीय उपलब्धि नहीं होता; इसमें मतदाता से संवाद, जानकारी की सत्यापन, दस्तावेजों की जांच एवं डिजिटल एंट्री की सटीकता सब शामिल होती है। इन सभी पहलुओं में करनैल सिंह ने उच्च मानक स्थापित किए।

अपने काम से आगे बढ़कर निभाई टीम भावना

सबसे प्रेरक बात यह रही कि अपना कार्य पूर्ण करने के बाद वे रुके नहीं। बल्कि उन्होंने स्वेच्छा से अपने पड़ोसी बूथ लेवल अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया, गणना प्रपत्र भरने में सहयोग, डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया में तकनीकी मदद, मतदाताओं के सत्यापन में टीमवर्क ऐसा सहयोग किसी आदेश से नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठा एवं सेवा-भाव से उपजता है।

एक बीएलओ नहीं, लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी

एसआईआर–2026 अभियान में प्रदेशभर के 78 बीएलओ को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जिनमें करनैल सिंह का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उनकी यह सफलता सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि यह संदेश देती है कि जिम्मेदारी अगर निष्ठा और संवेदनशीलता के साथ निभाई जाए, तो कठिन से कठिन परिस्थितियाँ भी हमारे मार्ग में बाधा नहीं बन सकतीं।”

रेगिस्तान की रेत में उगती लोकतंत्र की मजबूत फसल

करनैल सिंह जैसे समर्पित बीएलओ ही लोकतंत्र की उस जड़ तक पहुँचते हैं, जहाँ से इसकी शक्ति शुरू होती है, मतदाता। उनका यह सफर बताता है कि भारत के सबसे दूरस्थ कोनों में भी लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों को लेकर जागरूकता फैलाना कोई कागज़ी काम नहीं, बल्कि एक मिशन है। और इस मिशन के सच्चे योद्धा हैं करनैल सिंह, जिन्होंने अपने परिश्रम, संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा से रेगिस्तान की तपती रेत में भी लोकतंत्र की हरियाली को सींचा है।

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