नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20वें G20 लीडर्स समिट के लिए जोहान्सबर्ग गए, जिसे साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट सिरिल रामफोसा होस्ट कर रहे हैं। बुलेटिन में समिट की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’, अफ्रीकी यूनियन के G20 में हाल ही में शामिल होने का महत्व, और इसमें हिस्सा लेने को लेकर यूनाइटेड स्टेट्स और साउथ अफ्रीका के बीच डिप्लोमैटिक तनाव शामिल हैं। कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में जी 20 शिखर सम्मेलन में सहजता से भाग ले रहे हैंक्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस आयोजन का बहिष्कार कर रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने तंज करते हुए कहा कि अगला जी 20 सम्मेलन अमेरिका में आयोजित होगा और तब देखना होगा कि प्रधानमंत्री क्या रास्ता चुनते हैं। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर दक्षिण अफ्रीका रवाना हुए, जहां वह जोहानिसबर्ग में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। रावाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ तथा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ की भावना के अनुरूप भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री आज और कल दक्षिण अफ्रीका में हो रहे जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। वह इस यात्रा को पूरी सहजता के साथ इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि ट्रंप और अमेरिका इस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, याद कीजिए कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री कुआलालंपुर में होने वाले भारत-आसियान सम्मेलन में इसलिए नहीं गए थे क्योंकि वहां उनका आमना-सामना अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से होना था। उन्होंने कहा, यह बेहद असाधारण है कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि अमेरिका दक्षिण अफ्रीका के जी 20 थीम -एकजुटता, समानता और सतत विकास का विरोध करता है, क्योंकि उनका मानना है कि यह अमेरिका-विरोधी हैं। रमेश ने कहा, जी20 की अध्यक्षता हर साल बदलते रहती है। भारत ने यह अध्यक्षता नवंबर 2023 में इंडोनेशिया से ली थी और नवंबर 2024 में ब्राज़ील को सौंप दी थी। अब दक्षिण अफ्रीका को यह अध्यक्षता अमेरिका को सौंपनी है – जो इस बार शिखर सम्मेलन में मौजूद ही नहीं है। उन्होंने कहा, अगला जी20 शिखर सम्मेलन एक साल बाद अमेरिका में होगा। तब तक शायद अमेरिका के साथ भारत का व्यापार समझौता हो जाएगा। लेकिन जिस तरह ट्रंप पिछले सात महीनों में 61 बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रोका था, कल्पना कीजिए कि आने वाले बारह महीनों में वे यह दावा कितनी बार और दोहरायेंगे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरे अच्छे मित्र वाली झप्पी-कूटनीति फिर लौटेगी, या सिर्फ़ हाथ मिलाना होगा, या फिर प्रधानमंत्री अमेरिका न जाने का रास्ता चुनते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार यह दावा भी कर चुके हैं कि उन्होंने इस साल मई में शुल्क (टैरिफ़) की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था। भारत लगातार यह स्पष्ट करता रहा है कि इस साल मई में पाकिस्तानी सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा संपर्क किए जाने पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर विचार हुआ था।



