नई दिल्ली। लोन एग्रीगेशन प्लेटफॉर्म फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का 71.68 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 10 नवंबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 11 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 12 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 13 नवंबर को एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हो सकते हैं। इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 140 रुपये से लेकर 142 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 1,000 शेयर का है। फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 2 लॉट यानी 2,000 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 14,874 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले कुल 50,48,000 नए शेयर जारी हो रहे हैं।
आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 4 नवंबर मंगलवार को फिनबड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने 9 एंकर इनवेस्टर्स से 20.41 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में बंगाल फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड सबसे बड़ा इनवेस्टर रहा। इसने कंपनी से 5,05,000 शेयर खरीदे। इसके अलावा, बंधन स्मॉल कैप फंड, कॉम्पैक्ट स्ट्रक्चर फंड, राजस्थान ग्लोबल सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड जैसे प्रमुख नाम भी एंकर बुक में शामिल हुए हैं।
इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 47.44 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 33.28 प्रतिशत हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 14.26 प्रतिशत हिस्सा और मार्केट मेकर्स के लिए 5.01 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए एसकेआई कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। स्काईलाइन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है, जबकि एसकेआई कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी का मार्केट मेकर है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.83 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 5.66 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी को 8.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रैल से जुलाई 2025 में कंपनी को 3.33 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।
इस दौरान कंपनी की आय में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 135.57 करोड़ की कुल आय हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 190.28 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 223.50 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रैल से जुलाई 2025 में कंपनी को 85.82 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। इस अवधि में कंपनी के कर्ज में लगातार बढ़ोतरी होती रही। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 7.40करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 12.43 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 18.51 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 20.48 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।
इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 6.12 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 11.77 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 21.98 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 में ये 25.31 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 4.23 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 10.59 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 14.66 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 तक ये 5.87 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।



