नई दिल्ली। घरेलू सर्राफा बाजार और वायदा बाजार में तो सोना लगातार मजबूती के नए रिकॉर्ड बना ही रहा है, ग्लोबल मार्केट में भी इस चमकीली धातु ने जबरदस्त छलांग लगाई है। सोने ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिजिकल गोल्ड (हाजिर सोना) की कीमत आज 4,209.66 डॉलर प्रति औंस के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, बाद में इस चमकीली धातु की कीमत में मामूली गिरावट भी आई, जिसकी वजह से भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 1:30 बजे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 4,204.91 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
सोने की तरह ही चांदी की कीमत ने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में जबरदस्त तेजी दिखाई है। आज के कारोबार में चांदी की कीमत 53.54 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई लेवल तक पहुंच गई। हालांकि बाद में इसके भाव में भी गिरावट आई। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1:30 बजे चांदी 52.97 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रही थी। पिछले साल अक्टूबर के महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 27.50 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर थी। इस तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत पिछले एक साल के दौरान लगभग दोगुनी हो गई है।
जानकारों का मानना है कि टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग में जबरदस्त तेजी आई है। इसके साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) की ओर से इस साल ब्याज दरों में दो बार और कटौती करने का संकेत देने के कारण भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत को सपोर्ट मिला है।
बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के अनुसार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने मंगलवार को ही अक्टूबर के महीने में ही बेंचमार्क रेट्स में 0.25 की और कटौती करने का संकेत दिया था, जिसकी वजह से अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड गिरकर निचले स्तर पर आ गई। इसकी वजह से सोना और चांदी दोनों चमकीली धातुओं की कीमत को जबरदस्त सपोर्ट मिला। दरअसल, ब्याज दरों में कटौती होने से बॉन्ड से मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है, जिसकी वजह से निवेशक सोना और चांदी जैसी कीमती धातुओं में निवेश बढ़ा देते हैं।
मयंक मोहन के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव और ब्याज दरों में कटौती के संकेत के अलावा अमेरिकी सरकार का शटडाउन, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में बढ़ रहे निवेश और दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार की जा रही सोने की खरीदारी ने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव को काफी सपोर्ट दिया है। सोने की तरह ही चांदी की कीमत भी आसमान छू रही है। कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि दुनिया भर में चांदी की सप्लाई में गिरावट आई है। इसके साथ ही अमेरिकी सरकार द्वारा चांदी, पैलेडियम और प्लेटिनम जैसे खनिजों को लेकर नियमों में बदलाव करने की वजह से कारोबारियों में डर का माहौल बना हुआ है।
अमेरिकी सरकार के सेक्शन 232 के तहत अमेरिकी सरकार ने इस बात के संकेत दिए हैं कि इन खनिजों पर नए टैरिफ लगाई जा सकते हैं। इस डर के कारण भी निवेशकों ने चांदी की खरीदारी तेज कर दी है। दूसरी ओर, सप्लाई में कमी आने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत लगातार तेज होती जा रही है। राजीव दत्ता का कहना है कि अगर निवेशकों के मन में सेक्शन 232 को लेकर बना हुआ डर दूर नहीं हुआ, तो चांदी की कीमत इस साल के अंत तक 70 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच सकती है।