भारतीय परिवारों के पास मौजूद गोल्ड की वैल्यू बढ़कर 3.8 ट्रिलियन डॉलर हुई

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नई दिल्ली। भारतीय परिवारों के पास मौजूदा समय में 34,600 टन गोल्ड मौजूद है और इसकी वैल्यू करीब 3.8 ट्रिलियन डॉलर या जीडीपी के 88.8 प्रतिशत के बराबर है। यह जानकारी मॉर्गन स्टेनली की ओर से शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई। बीते एक साल में गोल्ड की कीमतों में 50 प्रतिशत से अधिक की तेजी देखी गई है और यह ऑल-टाइम हाई पर बनी हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4,056 डॉलर प्रति औंस पर बनी हुई है और घरेलू बाजार में सोने के दाम 1,27,300 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं। इस साल की शुरुआत से अब तक सोने ने डॉलर में 54.6 प्रतिशत और रुपए में 61.8 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि परिवारों द्वारा वित्तीय परिसंपत्तियों को प्राथमिकता देने से सोने में निवेश हाल के कुछ महीनों में तेजी से बढ़ा है और पिछले 12 महीनों में ईटीएफ इनफ्लो 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह रुझान आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, परंपरागत रूप से घरेलू खपत इस मांग का बड़ा हिस्सा होती है, लेकिन केंद्रीय बैंकों की खरीदारी में भी काफी वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2024 से अपने ग्लोड रिजर्व में लगभग 75 टन की वृद्धि की है, जिससे उसकी कुल होल्डिंग 880 टन हो गई है, जो अब भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का लगभग 14 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचे को अपनाने के बाद से, मुद्रास्फीति की दर औसतन 5 प्रतिशत रही है, जो कि सकारात्मक वास्तविक ब्याज दरों (महामारी के बाद नीति सामान्यीकरण के बाद से औसतन 1.7 प्रतिशत) के साथ मिलकर, सोने के आयात को सकल घरेलू उत्पाद के 1-1.5 प्रतिशत के दायरे में रखने में मददगार रही है। यह मई 2013 में दर्ज सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर से काफी कम है। मजबूत व्यापक आर्थिक स्थिरता ने यह सुनिश्चित करने में मदद की है कि परिवार फिजिकल एसेंट्स में बचत के लिए अत्यधिक प्राथमिकता विकसित न करें, जिससे सोने का आयात नियंत्रण में रहा है और चालू खाता घाटे पर दबाव कम हुआ है।

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