नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने फेसबुक अकाउंट के निलंबन पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि एक पत्रकार की मौत और बलिया में एक महिला की संदिग्ध मौत से संबंधित उनके पोस्ट को ग़लती से वयस्क यौन शोषण और हिंसा के रूप में चिह्नित किया गया था। आज सुबह, सपा प्रमुख का फेसबुक अकाउंट बहाल कर दिया गया। अखिलेश ने मीडिया को बताया कि मुझे बाद में पता चला कि मेरा अकाउंट कुछ आपत्तियों के कारण निलंबित कर दिया गया है। मुझे बताया गया कि आपत्ति ‘वयस्क यौन शोषण और हिंसा’ थी। जब मुझे पूरी रिपोर्ट मिली, तो उसमें बलिया की एक महिला और एक पत्रकार की हत्या से संबंधित पोस्ट थे। अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे पता चला कि मेरा अकाउंट इसलिए सस्पेंड कर दिया गया है क्योंकि कुछ आपत्तियाँ थीं। मुझे बताया गया कि आपत्ति ‘वयस्क यौन शोषण और हिंसा’ से जुड़ी थी। जब मुझे पूरी रिपोर्ट मिली, तो उसमें बलिया की एक महिला से जुड़ी पोस्ट थीं, एक पत्रकार की हत्या से जुड़ी पोस्ट थीं… इसमें ग़लत क्या था? हम समझ गए हैं कि जितना ज़मीन पर काम करेंगे, हमारी लड़ाई उतनी ही सफल होगी और इसलिए हम ज़मीन पर ही काम करेंगे। इससे पहले, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि अकाउंट सस्पेंड करने में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि फेसबुक ने कार्रवाई की है; इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उनके अकाउंट पर एक बेहद अपमानजनक पोस्ट थी, इसलिए फेसबुक ने अपनी नीति के अनुसार अकाउंट सस्पेंड कर दिया। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इससे पहले आज समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष की आवाज़ दबा रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता फखरुल हसन चांद ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि यादव का अकाउंट सस्पेंड करना लोकतंत्र पर हमला है।

क्यों हुआ था अखिलेश यादव का फेसबुक पेज सस्पेंड, अब सपा प्रमुख ने खुद बताई वजह
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