जनसांख्यिकीय बदलाव सामाजिक सद्भाव के लिए घुसपैठ से भी बड़ा खतरा : प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगाह किया कि जनसांख्यिकीय बदलाव वर्तमान में देश के सामाजिक सद्भाव के लिए घुसपैठ से भी बड़ा खतरा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा हमेशा ‘‘विविधता में एकता’’ में निहित रही है और आगाह किया कि यदि यह सिद्धांत टूट गया तो देश की ताकत कम हो जाएगी। मोदी ने अपने 15 अगस्त के भाषण और ‘‘बहनों-बेटियों को निशाना बनाकर युवाओं की आजीविका छीनने वाले घुसपैठियों से भारतीय नागरिकों की रक्षा’’ के अपने जनसांख्यिकीय मिशन की घोषणा का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज सामाजिक सद्भाव को घुसपैठियों से अधिक खतरा जनसांख्यिकी बदलाव के षडयंत्रों से है, जिसका सीधा असर आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति पर पड़ता है। भारत आज ऐसी चुनौतियों का सामना कर रहा है जो सीधे तौर पर उसकी एकता, संस्कृति और सुरक्षा को निशाना बना रही हैं।’’ मोदी ने कहा कि आरएसएस ने सामाजिक सद्भाव को हमेशा प्राथमिकता दी है तथा सामाजिक समरसता को हाशिए पर मौजूद लोगों को प्राथमिकता देकर सामाजिक न्याय स्थापित करने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज राष्ट्र ऐसी चुनौतियों का सामना कर रहा है जो सीधे तौर पर उसकी एकता, संस्कृति और सुरक्षा को निशाना बना रही हैं — अलगाववादी विचारधाराओं और क्षेत्रवाद से लेकर जाति और पर विवाद तक तथा बाहरी ताकतों द्वारा भड़काई गई विभाजनकारी प्रवृत्तियां।’’ मोदी ने भारत की आत्मा हमेशा ‘‘विविधता में एकता’’ में निहित रहने का उल्लेख किया और आगाह किया कि यदि इस सिद्धांत को तोड़ा गया, तो भारत की ताकत कम हो जाएगी। इसलिए, उन्होंने इस आधारभूत लोकाचार को निरंतर सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक सद्भाव आज जनसांख्यिकीय बदलाव और घुसपैठ से गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है, जिसका सीधा असर आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति पर पड़ता है… इसी चिंता ने मुझे लाल किले से जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया।’’ मोदी ने इस खतरे का सामना करने के लिए सतर्कता और कड़ी कार्रवाई का भी आह्वान किया। शताब्दी समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया और इसमें आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हुए।

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