बाड़मेर। रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। हालांकि, अक्सर लोगों में यह गलत धारणा होती है कि रेबीज का खतरा सिर्फ कुत्तों के काटने से ही होता है। जबकि हकीकत यह है कि कुत्तों के अलावा और भी कई जानवरों से रेबीज फैल सकता है।। अगर इसका इलाज समय पर न हो तो ये मौत का कारण बन सकता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि रेबीज सिर्फ कुत्तों के काटने से फैलता है, लेकिन नई रिसर्च और डॉक्टरों की राय बताती है कि कई और जानवर भी इस बीमारी को फैला सकते हैं। यह बात जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ हनुमानराम चौधरी ने विश्व रेबीज दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान डॉ चौधरी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कुत्ते या अन्य जानवर के काटने अथवा नोचने पर घाव को तुरंत 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोएं। इसके बाद बिना विलंब किए नजदीकी अस्पताल में जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन तथा आवश्यकता अनुसार इम्युनोग्लोब्यूलिन लगवाएं। साथ ही अपने पालतू कुत्ते, बिल्ली का नियमित टीकाकरण कराना न भूले। इस अवसर पर नर्सिंग अधीक्षक भारमलसिंह राजपुरोहित ने कहा कि रेबीज कुत्ते सहित चमगादड़, बिल्ली, बंदर, लोमड़ी इत्यादि जानवरों के काटने या नोचने से रेबीज फैल सकता है। उन्होंने कहा कि रेबीज से बचाव केवल किसी एक की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह हम सभी की साझी जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया संकल्प- इस अवसर पर डॉ हनुमानराम चौधरी ने विश्व रेबीज दिवस पर स्वास्थ्य कर्मियों को संकल्प कराते हुए कहा कि रेबीज जैसी सौ फीसदी रोकी जा सकने वाली बीमारी से किसी की भी जान जोखिम में नहीं जानी चाहिए।। चौधरी ने किसी जानवर के काटने या नोचने पर तुरंत हाथ धोने और अस्पताल जाने का संदेश देते हुए अनगिनत जीवन बचाने में आमजन से सहयोग की अपील की। इस दौरान नर्सिंग अधीक्षक राजेंद्र कड़वासरा व चंदनदान देथा, हैल्थ मैनेजर नरेंद्र कुमार खत्री, नर्सिंग अधिकारी सवाई सिंह सहित गिरधर सिंह व इंजेक्शन विभाग के कार्मिक मौजूद रहे।

बाड़मेर : विश्व रेबीज दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम हुआ आयोजित
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