अमेरिका से परमाणु वार्ता ईरान के लिए हानिकारक, हमें ‘बड़े नुकसान’ भी संभव : अली खामेनेई

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तेहरान। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने अमेरिका के साथ मौजूदा हालात में परमाणु वार्ता के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना ईरान के राष्ट्रीय हितों के लिए लाभकारी नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी वार्ता से ईरान को ‘बड़े’ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनमें से कुछ कभी ठीक नहीं हो पाएंगे।
खामेनेई ने कहा कि अमेरिकी पक्ष पहले से ही वार्ता का अंतिम नतीजा तय कर चुका है, क्योंकि वे ईरान से उसकी परमाणु गतिविधियां और यूरेनियम संवर्धन पूरी तरह बंद करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया वार्ता नहीं, बल्कि थोपना और दबाव डालना है। खामेनेई ने बताया कि अमेरिका ने ईरान से छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को छोड़ने की भी मांग की है, ताकि ईरान संभावित आक्रामकता का जवाब देने में असमर्थ हो। खामेनेई ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के ईरान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु मुद्दे सहित अन्य मामलों पर अमेरिका के साथ बातचीत पूरी तरह से बंद रास्ता है। ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ एक परमाणु समझौता किया था, जिसमें उसने अपने परमाणु कार्यक्रम पर कुछ अंकुश लगाने के बदले प्रतिबंधों को हटाने की सहमति दी थी। हालांकि, मई 2018 में अमेरिका इस समझौते से बाहर हो गया और उसने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए, जिसके जवाब में तेहरान ने समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम कर दिया। इस साल अप्रैल में ईरान और अमेरिका ने परमाणु कार्यक्रम और अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने पर अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू की थी। जून में छठे दौर की वार्ता से पहले इजरायल ने ईरान के कई क्षेत्रों, विशेष रूप से परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े हवाई हमले किए, जिसमें वरिष्ठ कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों और कई नागरिकों की मौत हो गई। इसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए। 22 जून को अमेरिकी वायु सेना ने ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर बमबारी की।

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