जयपुर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने क्षमापना पर्व को भारतीय संस्कृति बताते हुए कहा कि जो क्षमा करता है, वह महान होता है। उन्होंने क्षमा को जीवन का अंग बताने का आह्वान किया। उन्होंने जैनाचार्य नित्यानंद सुरीश्वर को नमन करते हुए उनके आदर्श अपनाने की आवश्यकता जताई। श्री बागडे मंगलवार को नागौर में क्षमापना पर्व और जैनाचार्य नित्यानन्द सूरीश्वरजी के पदमश्री से अलंकृत किए जाने के अभिनन्दन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आचार्य नित्यानंद जी के जीवनभर के समर्पण एवं अनुकरणीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनका समाजसेवा और धर्म के प्रति त्यागपूर्ण योगदान न केवल जैन समाज बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायी है। राज्यपाल ने जैन धर्म के मूल्यों—अहिंसा, परोपकार और सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने स्वामी नित्यानंद जी को “त्याग, साधना और करुणा का प्रतीक” बताते हुए कहा कि उनका जीवन समाज में सकारात्मक बदलाव का सशक्त उदाहरण है। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया तथा बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने भी स्वामी नित्यानंद जी के कार्यों की सराहना की।

नागौर : राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे क्षमापना पर्व और जैनाचार्य नित्यानंद सुरीश्वर अभिनंदन समारोह में शामिल हुए, क्षमापना भारतीय संस्कृति का आलोक पर्व- राज्यपाल
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