माॅस्को। रूस के कामचटका में शनिवार को 7.4 तीव्रता का भूकंप आया है। भूकंप के बाद यहां सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। यह भूकंप 39.5 किलोमीटर की गहराई पर आया। USGS ने पहले भूकंप की तीव्रता 7.5 बताई थी, लेकिन बाद में इसे 7.4 कर दिया। पैसिफिक सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर के दायरे में रूस के तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इससे पहले 30 जुलाई को यहां 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप आया था। कामचटका में बीते तीन महिनों में 7 तीव्रता से ज्यादा के 3 भूकंप दर्ज किए गए हैं।
इस साल का दुनिया का सबसे बड़ा भूकंप कामचटका आया
रूस के कामचटका में जो प्रशांत ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, इस साल भूकंपीय गतिविधियों का केंद्र रहा। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल यहां कुल 1,200 से अधिक भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश छोटे-मोटे (मैग्निट्यूड 2.0 से 4.0 के बीच) थे, लेकिन 4.0 या इससे ऊपर के 150 से ज्यादा भूकंप हुए। इस क्षेत्र में आज आए भूकंप समेत 3 बड़े भूकंप 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के दर्ज किए गए हैं। साल 2025 का सबसे विनाशकारी भूकंप 30 जुलाई को रूस के कामचटका में पर आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.8 मापी गई। यह पिछले 10 वर्षों का सबसे बड़ा झटका था। इसने कई देशों को प्रभावित किया। यह भूकंप समुद्री क्षेत्र में आए जिसके कारण ज्यादा तबाही नहीं हुई। इसके बाद 3 अगस्त को 7 तीव्रता का भूकंप कामचटका के कुरिल द्वीपों के पास आया था।
6 महीनों में दुनिया भर में 1लाख से ज्यादा भूकंप आए
पिछले 6 महीनों ( मार्च से 13 सितंबर 2025) में दुनिया भर में भूकंपों का एक सिलसिला जारी है। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक इस अवधि में लगभग 1लाख,10 हजार भूकंप दर्ज किए गए।
अफगानिस्तान में भूकंप से 3 हजार मौतें हुईं
अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में 31 अगस्त 2025 को आए 6.0 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक भूकंप 2 लाख की आबादी वाले जलालाबाद शहर से लगभग 17 मील दूर आया। यह राजधानी काबुल से 150 किमी दूर है। भूकंप से हजारों घर ढह गए और सैकड़ों गांव तबाह हो गए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मृतकों की संख्या 3,000 से अधिक हो चुकी है, जबकि 4,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भूकंप के समय ज्यादातर लोग सो रहे थे, इस वजह से वे इमारतों के मलबे में दब गए। शहर में रातभर झटके महसूस किए गए थे।