नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बिहार को कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात के केंद्र में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 11 सितंबर को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित बिहार आइडिया फेस्टिवल में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया कि पीयूष गोयल ने पटना स्थित एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के ऐतिहासिक अवसर पर जीआई-टैग युक्त मिथिला मखाना की 7 मीट्रिक टन की खेप को न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका के लिए रवाना किया। मंत्रालय ने कहा कि किसानों, एफपीओ, एफपीसी को सशक्त बनाने और बिहार के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, जीआई-टैग और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए वैश्विक बाजार पहुंच को बढ़ावा देने की एक ऐतिहासिक पहल है।
इस अवसर पर गोयल ने कहा कि यह उपलब्धि बिहार के कृषि निर्यात इतिहास में स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार किसानों और उद्यमियों की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पटना में एपीडा कार्यालय खुलने से राज्य के निर्यातकों को अब वाराणसी स्थित कार्यालय पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। एपीडा के नए कार्यालय से उन्हें प्रत्यक्ष मार्गदर्शन, प्रमाणन सहयोग, बाजार की ताजा जानकारी और प्रक्रियात्मक सुविधाएं मिलेंगी। इससे समय पर समाधान और राज्य स्तरीय संस्थानों के साथ बेहतर तालमेल भी सुनिश्चित होगा। इस निर्यात खेप की खासियत ये रही कि इसका नेतृत्व एक महिला उद्यमी ने किया। इस यह पहल महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उत्पादकों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने का प्रेरक उदाहरण मानी जा रही है।
एपीडा के मुताबिक जीआई टैग युक्त मिथिला मखाना का निर्यात बिहार के दरभंगा की महिला उद्यमी और नेहाशी की संस्थापक नेहा आर्या द्वारा किया गया, जो समावेशी और लैंगिक-संवेदनशील व्यापार संवर्धन के प्रति एपीडा की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस मौके पर बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा के साथ-साथ बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, एपीडा नेतृत्व, उद्यमी, एफपीओ और किसान समूह भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि बिहार ने निर्यात में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। जीआई-टैग वाला मिथिला मखाना वित्त वर्ष 2024-25 में संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका को निर्यात किया जा चुका है। इसके साथ ही वर्ष 2023 में जीआई-टैग वाला जर्दालु आम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच चुका है।