बूंदी। शहर के सिलोर रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में पंडित शिव कृष्ण शास्त्री महाराज के द्वारा चल रही संगीतमय भागवत कथा में पांचवे दिन कहा की यशोदा,नंदबाबा के घर जब परमानंद कृष्ण आनंद स्वरूप है जो भक्तो को में जगाता है l कृष्ण ने गोपियों के कोमल मन रूपी मक्खन को चुराया है , दूध के मक्खन को नहीं l कृष्ण ने मटकियां फोड़ी थी जिस जीवात्मा के सिर पर अहंकार रूपी पाप की मटकी फोड़ी थी l चीरहरण लीला में साड़ी,कपड़े का चीर नहीं बल्कि वासना का चीर हरण किया l महाराज ने गोवर्धन की व्याख्या करते हुए कहा गो का मतलब इंद्रियां वर्धन का मतलब बढ़ना l इसी तरह हमारी श्रद्धा दिनों दिन बढ़े वही “गोवर्धन लीला” है l अंत में यजमान विद्यावती मुंदडा, राजेश मुंदडा, नरेश मुंदडा , आशुतोष मुंदडा सहित सभी भक्तों ने सामूहिक भगवान गिरिराज धरण को 56 भोग धारण करवाया l महिलाओं ने गोवर्धन जी की परिक्रमा की और हाथ खड़े करके गिरिराज धरण के जयकारे लगाए l
गुरुवार रात्रि को दादाबाड़ी में परिसर में प्रथम दिवस में नानी बाई रो मायरो मे कथा वाचिकाराधा स्वरुपा तितिक्षा दाधीच यह अपने मुखारविंद से कहा कि भगवान नरसी मेहता के जन्म, उनकी भक्ति और भगवान कृष्ण के प्रति उनके प्रेम का वर्णन श्रवण करवाया । इस दिन भगवान श्री कृष्ण की लीलाओ और उनकी लीला में नरसी मेहता के दर्शन जैसे प्रसंगों को भी सुनाया, जिससे दर्शक भाव विभोर होकर कथा का श्रवण किया । शिव की रासलीला और नरसी मेहता द्वारा कृष्ण के दर्शन के प्रसंग को सुंदर ढंग से श्रवण करवाया गया । आशुतोष मूंदडा ने बताया शनिवार को कथा में रुक्मणि विवाह का प्रसंग आयोजित होगा l अतिथि कुंज बिहारी बिल्या , विनोद न्याति , द्वारका मंत्री सहित मूंदड़ा परिवार ने भागवत जी की आरती की । अंत में 56 भोग का प्रसाद वितरित किया गया ।
बूंदी : कृष्ण लीला की कथा सुन झूम उठे भक्त
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