स्ट्रासबर्ग। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने घोषणा की है कि आयोग इजराइल के खिलाफ नए कदम उठाएगा। उनका कहना है कि इजराइल की नीतियां और कार्रवाइयां दो-राष्ट्र समाधान को कमजोर करने की कोशिश है। स्ट्रासबर्ग में अपने वार्षिक स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में वॉन डेर लेयेन ने कहा, “गाजा में जो हो रहा है, उसने पूरी दुनिया की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वित्तीय नाकेबंदी, वेस्ट बैंक में विवादित ई-1 सेटलमेंट विस्तार योजना और सरकार के चरमपंथी मंत्रियों के उकसाने वाले बयान स्पष्ट रूप से दो-राष्ट्र समाधान को कमजोर करने का प्रयास हैं।” उन्होंने घोषणा की कि यूरोपीय आयोग इजराइल के साथ द्विपक्षीय सहयोग को रोक देगा, चरमपंथी मंत्रियों और हिंसक उपनिवेशवादियों पर प्रतिबंध लगाएगा और इजराइल के साथ व्यापार समझौते (एसोसिएशन एग्रीमेंट) के कुछ हिस्सों को आंशिक रूप से निलंबित करेगा। इसके साथ ही आयोग अक्टूबर में फिलिस्तीन डोनर ग्रुप की स्थापना भी करेगा, ताकि वित्तीय सहयोग को समन्वित किया जा सके। दूसरी ओर, इजराइल ने यूरोपीय संघ की इस घोषणा पर नाराजगी जताई है। विदेश मंत्री गिदोन सा’अर ने वॉन डेर लेयेन के बयान को “अफसोसजनक” करार दिया और कहा कि “यूरोप गलत संदेश दे रहा है, जिससे हमास और मध्य पूर्व की उग्रवादी धुरी को ताकत मिलती है।” सा’अर ने यह भी कहा कि गाजा में हो रही तबाही का जिम्मेदार केवल हमास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शांति का रास्ता बंधकों की रिहाई, हमास को निरस्त्र करने और गाजा के लिए नए भविष्य का निर्माण करने से होकर गुजरता है।

यूरोपीय संघ की इजराइल पर सख्ती की तैयारी, दो-राष्ट्र समाधान को कमजोर करने का आरोप
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