जयपुर। राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व विधान सभा परिसर में प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को लेकर जबर्दस्त प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी कर सरकार की विफलता को उजागर किया। नारेबाजी और प्रदर्शन के बाद कांग्रेस विधायक प्रदेश में घटी अपराध की घटनाओं से सम्बन्धित खबरों के बैनर पहन कर सदन में पहुंचे और सदन में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। भाजपा सरकार कानून व्यवस्था को बनाये रखने में पूरी तरह से विफल रही है। प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय FIR पंजीयन को अनिवार्य बनाया गया था, ताकि हर शोषित और पीड़ित को न्याय मिल सके, लेकिन भाजपा सरकार ने अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिये अपराध के आंकडे छिपाने के लिए पुलिस को निर्देश दिये हुए हैं कि मुकदमें कम से कम दर्ज किये जाएं, ताकि अपराध के आंकडे बढे नहीं। यही कारण है कि राजस्थान में सांसद, विधायक और तहसीलदार स्तर तक के अधिकारियों को भी थ्प्त् दर्ज करवाने के लिये धरना-प्रदर्शन तक करना पड़ रहा है। जूली ने बताया कि आंकड़ों में इतनी कमी करने के प्रयासों के बावजूद अगर हम अपराध के आंकड़ों को देखें तो ऐसा लगता है जैसे राजस्थान में जंगलराज चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसी वर्ष 01 जनवरी से 30 जून के बीच बलात्कार के 2966, दहेज हत्या के 187 और महिला उत्पीडन के 6192 प्रकरण दर्ज हुए हैं। 01 जनवरी, 2024 से जून, 2025 के बीच 6514 हत्या और हत्या के प्रयास के मुकदमें दर्ज हुए हैं। जूली ने कहा कि अपराधी बेखौफ हैं और पुलिस व जनता उनके सामने विवश और लाचार बनी हुई है। जयपुर और जोधपुर जैसे हाई सिक्योरिटी वाले माने जाने वाले शहरों में भी 2545 घरों में डकैती की वारदातें हुई हैं। जयपुर में रोज अपहण के मामले आ रहे हैं। प्रदेश में 15840 लोगों के अपहरण की घटनाएं दर्ज हुई हैं। प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ भाजपा के कार्यकाल में बलात्कार के 7849 दर्ज मामलों को देखकर यह लगता है कि यहां अब महिलाओं और बच्चियों का जीवन सुरक्षित नहीं रहा। जूली ने कहा कि भाजपा सरकार ने राजस्थान को नशे और ड्रग्स का अड्डा बनाकर रख दिया है। वर्ष 2024 में ही एक्साइज एक्ट के 24161 और एनडीपीएस एक्ट के 5246 मुकदमें दर्ज किये गये हैं। चारियों का तो रिकॉर्ड ही बन गया है और चोरी की 43869 एफआईआर दर्ज हुई हैं। अगर साल 2025 की बात की जाए, तो वर्ष 2025 में जून माह तक हत्या, हत्या के प्रयास, लूट की वारदात का पैंडिंग प्रतिशत 60 प्रतिशत से भी अधिक है। वर्ष 2025 में डकैती के 43 प्रकरणों में कोई भी बरादमगी नहीं हो पाई है, अर्थात् बरादमगी का प्रतिशत शून्य है। जूली ने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इनके प्रति अपराध की घटनाओं में सरकार की असंवेदनशीलता और जातिवादी मानसिकता के कारण आये दिन इनके विरूद्ध अपराध की घटनाएं हो रही हैं। एससी/एसटी के विरूद्ध विगत 6 माह में 4093 प्रकरण दर्ज हुए यानि कि प्रतिदिन औसतन करीब 23 घटनाएं कारित हुई हैं। बाबा साहब अंबेडकर ने जिस समतामूलक समाज और संविधान का सपना देखा था, उसे राजस्थान की भाजपा सरकार ने तार-तार कर दिया है। बाबा साहब ने हमें समानता, न्याय और भाईचारे का मार्ग दिखाया था, लेकिन आज यह सरकार इन मूल्यों की खुलेआम अवहेलना कर रही है। यही कारण है कि प्रदेश में छोटे और बडे़ दंगों और साम्प्रदायिक तनाव के 486मामले दर्ज हुए। भाजपा सरकार में दलितों को सिर्फ उनकी जाति के आधार पर अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। जूली ने कहा कि वर्ष के प्रारम्भ से जून की तुलना में भगौडे़, उद्घोषित अपराधी तथा स्थायी वारंटियों की संख्या में 10 से 12 प्रतिशत की बढौत्तरी हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संगठित माफिया और सूद माफिया का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि ट्रांसपोर्ट नगर, जयपुर में एक फरियादी की थाने में सुनवाई तक नहीं हुई और वो आग लगाकर थाने पर पहुंचा और उसकी मौत हो गई। सबसे चिन्ता का विषय यह है कि पुलिसकर्मियों की अपराधों में संलिप्तता बढ़ती जा रही है। पुलिस किसी को भी उठा लाती है और मार देती है। विधायक और मंत्री अपने सम्बन्धित क्षेत्र के वृत्ताधिकारी और थानेदारों को उगाही के टारगेट दे रहे हैं, जिसकी वजह से पुलिस अपराधों पर रोकथाम लगाने की बजाय उगाही के टारगेटों को पूरा करने में लगी है। भाजपा सरकार में मंत्री पुलिसवालों को कह रहे हैं कि बजरी के ट्रकों को मत पकड़ो और अगले ही दिन उस क्षेत्र में अवैध बजरी के ट्रक से कुचलकर दो मौतें हो जाती हैं। प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि मुख्यमंत्री को भी अभी तक 4 बार जान से मारने की धमकियां दी जा चुकी हैं, इससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में अपराधियों के हौंसले कितने बुलंद हैं। जब प्रदेश के मुखिया और उप मुख्यमंत्री तक सुरक्षित नहीं हैं, ऐसे में जनता किसके भरोसे रहेगी। तस्करों और अपराधियों तक अत्याधुनिक राइफल पहुंच रही हैं और सबसे चिन्ताजनक तो यह है कि इन अपराधियों के साथ सत्ताधारी पार्टी के बडे-बडे नेताओं की तस्वीरें आती हैं, ऐसे में पुलिस का इकबाल कैसे बुलंद रह सकता है। जूली ने कहा कि पुलिस हिरासत में मौतों की संख्या लगातार बढती जा रही है। सरकार इसे लेकर लेशमात्र भी गम्भीर नहीं है। उदयपुर पुलिस महानिरीक्षक की मीटिंग के दौरान ट्रैप की घटना और मुख्यमंत्री आवास में पुलिस अधिकारी के साथ हुई धक्कामुक्की और मारपीट की खबरों की सच्चाई क्या थी, उन्हें पद से क्यों हटाया गया, यह सब दफन होकर रह गया। जयपुर में आरएएस अधिकारी की दिन-दहाडे हत्या कर दी गई। जयपुर कमिश्नरेट में इस वर्ष सितम्बर माह तक 21971 आपराधिक प्रकरण दर्ज हो गये हैं, यानि प्रतिमाह 2441 आपराधिक प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। इनमें साइबर अपराध के मामले शामिल नहीं हैं, यदि उन्हें भी शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा काफी बढ़ जाता है। चैन स्नेचिंग और चोरी का तो जयपुर गढ बन गया है। चैन स्नैचर कह रहे हैं कि जयपुर हमारे लिए सबसे अच्छा शहर है। इस नाकारा सरकार ने राजधानी की क्या स्थिति कर दी है। जूली ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति पर यही कहा जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त, जनता त्रस्त और अपराधी मस्त हैं।

जयपुर : प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त, जनता त्रस्त और अपराधी हैं मस्तःनेता प्रतिपक्ष जूली, बेखौफ बदमाशों के सामने, पुलिस और जनता बेबस
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