भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि-प्रदाता माना जाता है, इस दिन भक्तों के घरों और पंडालों में विराजते हैं। उन्हें बप्पा, विनायक और गणपति के नामों से भी पुकारा जाता है। भक्त पूरे समर्पण भाव से उनका स्वागत करते हैं और घर-घर में पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी का समापन 6 सितंबर को होगा और भक्तगण विसर्जन की तैयारियों में जुटे हैं। ऐसे अवसर पर यह आवश्यक है कि हम कुछ सावधानियां बरतें और ऐसी गलतियों से बचें, जो धार्मिक दृष्टि से अनुचित मानी जाती हैं।
घर में बप्पा का विशेष ध्यान रखें
गणपति बप्पा घर में मेहमान बनकर आते हैं। अतः जब तक उनकी प्रतिमा घर पर स्थापित हो, हर समय उनका ध्यान रखना चाहिए। प्रतिदिन विधिवत पूजन करें, मोदक, फल, पुष्प और जल अर्पित करें। मंत्र-जाप और आरती के दौरान परिवार के सभी सदस्य उनकी उपस्थिति में शामिल हों। इससे घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहेगा। सात्विक भोजन का पालन करें गणेश चतुर्थी के दौरान मांसाहार, प्याज, लहसुन और मदिरा का सेवन वर्जित माना जाता है। भक्तों को सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। शुद्ध आहार से न केवल धार्मिक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि परिवार में भी आध्यात्मिक एकाग्रता बढ़ती है। बप्पा को अकेला न छोड़ें जैसे किसी अतिथि को हम अकेला नहीं छोड़ते, वैसे ही गणपति बप्पा के घर पर रहते हुए उन्हें अकेला छोड़कर बाहर जाना उचित नहीं माना जाता। प्रतिमा के आसपास परिवार के किसी सदस्य की उपस्थिति आवश्यक है। यह आस्था और सम्मान दोनों का प्रतीक है। झगड़े और विवाद से बचें गणेश जी के स्वागत के समय घर का वातावरण शांत और सौहार्दपूर्ण होना चाहिए। इस दौरान झगड़े, वाद-विवाद या कलह से बचना जरूरी है। कोशिश करें कि बप्पा की उपस्थिति में घर का माहौल सुखद और प्रसन्नचित्त रहे।
गणेश विसर्जन में बरतें ये सावधानियां
गणेश चतुर्थी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है गणपति विसर्जन। इस दौरान अक्सर लोग कुछ ऐसी भूलें कर बैठते हैं, जिन्हें टालना चाहिए—
—मूर्ति विसर्जन से पहले भोग अवश्य अर्पित करें।
—बप्पा को विदा करते समय नारियल चढ़ाना न भूलें।
—प्रतिमा को माला या अन्य सजावट के साथ सीधे जल में न डालें।
—सजावटी सामान और मालाओं को कूड़ेदान या नदी में फेंकने के बजाय पुनः उपयोग करें या दान दें।
—विसर्जन का कार्य निश्चित मुहूर्त में ही करें।
—विसर्जन के तुरंत बाद घर की सजावट हटाने के बजाय कुछ समय तक वातावरण को भक्तिमय बनाए रखें।
गणेश विसर्जन की विधि
विसर्जन के दिन सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। लकड़ी के तख्ते पर स्वस्तिक बनाकर गंगाजल छिड़कें और गणेश प्रतिमा को स्थापित करें। फिर उनके वस्त्र बदलें, तिलक लगाएं और मोदक, फल, पुष्प, दीप तथा मिठाई अर्पित करें। गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप करें तथा आरती गाएं। बप्पा से शीघ्र पुनः घर आने की प्रार्थना करें। विसर्जन के लिए जाते समय उनके साथ नारियल अवश्य लेकर जाएं और बप्पा का नाम जपते हुए विधिपूर्वक उनका विसर्जन करें। गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का पर्व है। यदि इसे शुद्ध भाव और सही विधि से मनाया जाए, तो बप्पा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और घर-परिवार को सुख, समृद्धि और शांति से भर देते हैं।