जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में तत्परता के साथ हरसंभव राहत प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ नागरिक सुरक्षा से लेकर चिकित्सा सेवाएं, खाद्य सामग्री की उपलब्धता सहित आवश्यक सेवाओं के सुचारू संचालन पर भी विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री शर्मा के निर्देशानुसार प्रदेश में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। आम जनता की सुरक्षा के लिए सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं। दुर्घटना संभावित स्थानों पर सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं और नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम का टोल फ्री नंबर 1070 और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का टोल फ्री नंबर 1077 लगातार सक्रिय हैं।
1155 व्यक्तियों का सकुशल रेस्क्यू—
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें दिन-रात सक्रिय रहकर प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं। मानसून के दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों ने अब तक 1155 व्यक्तियों को सकुशल रेस्क्यू किया है। वर्तमान में पूरे राज्य में एसडीआरएफ की 62 टीमें, एनडीआरएफ की 7 टीमें और सिविल डिफेंस की टीमें सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। वायुसेना के हेलिकॉप्टर से जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित आश्रय तक पहुंचाया भी जा रहा है। राहत शिविरों में भोजन, स्वच्छ जल और दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
फसल नुकसान के आकलन के लिए गिरदावरी कार्य —
प्रदेश में खरीफ 2025 में अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान के आकलन के लिए 1 अगस्त, 2025 से गिरदावरी का कार्य प्रारम्भ किया गया। गिरदावरी के कार्य उपरांत जिन जिलों में 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल खराब हुई है, वहां प्रभावित किसानों को केन्द्र सरकार के एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार कृषि आदान-अनुदान सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
विद्यालयों और बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता—
जिला प्रशासन द्वारा विद्यालयों और आंगनबाड़ी भवनों की सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता देते हुए वर्षाजनित परिस्थितियों के चलते घोषित अवकाश के दौरान भवनों का निरीक्षण, जल निकासी और आवश्यक मरम्मत का कार्य तुरंत पूरा करवाया जा रहा है, ताकि बच्चों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसंपत्तियों की मरम्मत हेतु एसडीआरएफ नॉर्म्स के अंतर्गत विभिन्न जिलों से मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त किए गए हैं। इन कार्यों में सड़क, पुल, विद्यालय भवन, आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य संस्थानों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्य शामिल हैं। प्रदेश के 12 जिलों में अब तक 180.67 करोड़ रुपए के 8,867 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें 4,183 विद्यालय भवनों के लिए 83.66 करोड़ रुपए, 930 आंगनबाड़ी भवनों के लिए 21.89 करोड़ रुपए, 165 पंचायत भवनों के लिए 3.57 करोड़ रुपए, 106 चिकित्सालय भवनों के लिए 2.08 करोड़ रुपए, 170 लघु सिंचाई योजनाओं के लिए 3.94 करोड़ रुपए, 3,128 सड़कों के लिए 64.34 करोड़ रुपए और 184 पुलियों के लिए 1.14 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसी तरह, राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में सभी जिलों को बचाव उपकरणों के लिए 19.45 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। सभी संभागीय मुख्यालय वाले जिलों को 20-20 लाख रुपए तथा अन्य जिलों को 10-10 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। साथ ही, अतिवृष्टि के दौरान जिलों की मांग के अनुसार अतिरिक्त आवंटन किए जा रहे हैं।
सामान्य से 62.50 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज—
राज्य में दक्षिण-पश्चिमी मानसून में अब तक वास्तविक वर्षा 608.65 मिमी रही, जो सामान्य से 62.50 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में प्रदेश के 22 जिलों में वर्षा असामान्य श्रेणी में दर्ज की गई, जिनमें अजमेर, बूंदी, कोटा, टोंक, नागौर, सवाई माधोपुर, सीकर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जोधपुर और करौली जैसे जिले प्रमुख रूप से शामिल हैं।
जनता के लिए अपील—
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे मौसम विभाग और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, बहते हुए पानी और जलाशयों के निकट न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में नियंत्रण कक्ष से तुरंत संपर्क करें। प्रशासन की टीमें सजग और तत्पर हैं।