भारत का सेमीकंडक्टर बाज़ार 100 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान !

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2 सितंबर 2025 मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहली स्वदेशी चिप, जो कि देश की पहली 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप, जिसे ‘विक्रम’ नाम दिया गया है है, सौंपी है। गौरतलब है कि विक्रम 32 चिप का निर्माण 32 बिट आर्किटेक्चर पर हुआ है। यह पल भर में आसानी से बड़े से बड़े डाटा का विश्लेषण करने में सक्षम है। ये माइक्रोप्रोसेसर अंतरिक्ष मिशन में इस्तेमाल हो सकेगा। चिप से एयरोस्पेस और उपग्रह मिशन के जटिल आंकड़ों का अध्ययन करने में आसानी होगी। यहां पाठकों को बताता चलूं कि विक्रम-32 चिप पुरानी चिप विक्रम-1601 का ही उन्नत वर्जन है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस चिप का इस्तेमाल वर्ष 2009 में इसरो के प्रक्षेपण वाहनों में इस्तेमाल हुआ था। इसके आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों ने इस चिप में कई स्तर पर सुधार का बाद नई स्वदेशी चिप लॉन्च की है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार चिप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में इस्तेमाल होने वाले एडीए लैंग्वेज की प्रोग्रामिंग को पूरी तरह सपोर्ट करेगी। इसरो द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर टूल, कंपाइलर, एसेंबलर, लिंकर और सिमुलेटर के साथ आसानी से काम करेगी। सी- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के लिए इसे तैयार किया जा रहा। इसका निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (एससीएल) में हुआ है। इसका इस्तेमाल विपरीत हालात में रॉकेट लॉन्चिंग में होगा। बताया जा रहा है कि

अभी इस चिप का इस्तेमाल उपग्रह और रॉकेट के क्षेत्र में होगा, लेकिन भविष्य में इसका इस्तेमाल रक्षा प्रणाली, एयरोस्पेस तकनीक, अत्याधुनिक ऑटोमोटिव सॉल्यूशन और ऊर्जा के क्षेत्र में किया जाएगा। इसको लेकर काम जारी है। तकनीक के क्षेत्र में भी इसका दायरा बढ़ाने की कोशिश होगी। यहां पाठकों को बताता चलूं कि चिप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे किसी भी तापमान में अपना काम सुचारू ढंग से करती रहेगी।

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