अजमेर। 871 वर्ष पुरानी दादाबाड़ी जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ शनिवार को साध्वी मनोहरश्रीजी मुनि सम्यकरत्नसागरजी महाराजा के सान्निध्य में हुआ। खाचरौद निवासी पंकज भाई विधिकारक ने विधि-विधान से भूमि पूजन एवं भूमि खनन संपन्न कराया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सम्यकरत्नसागरजी ने कहा कि किसी भी जिनालय निर्माण में 14 मुहूर्त होते हैं, जिनमें भूमि पूजन और भूमि खनन प्रथम और अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प से हर समस्या का समाधान संभव है। कार्यक्रम में भूमि पूजन-खनन कार्य के मुख्य लाभार्थी फलोदी-कोयम्बटूर निवासी विजयचंद पारसमणी कुशल दीपमाला झावक परिवार रहे। जीर्णोद्धार समिति संयोजक भीमराज सुशीला बोहरा, सह-संयोजक विक्रम पारख, महेंद्र लूणियां, झबरमल बच्छावत ने उन्हें चांदी की तगारी, खुरपी, करणी आदि भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर साध्वी मनोहरश्रीजी ठाणा-6 और सुशीला बोहरा ने भी अपने उद्बोधन दिए।
भूमि शिलान्यास की तैयारियां-समारोह के तहत 4 सितम्बर को होने वाले भूमि शिलान्यास हेतु मकराना से मुख्य 101 शिलाएं शनिवार को दादाबाड़ी पहुंची। साध्वी मनोहरश्रीजी, लाभार्थी विजयचंद पारसमणी झावक सहित श्रद्धालुओं ने मंगलगीत और नृत्य के साथ शिलाओं का स्वागत कर दादाबाड़ी परिसर में प्रवेश करवाया।

अजमेर : दादाबाड़ी जीर्णोद्धार भूमि पूजन : भूमि खनन कार्य शुरू
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