बूंदी : व्यस्त हाइवे पार करने को हिम्मत नहीं जुटा पाई युवा बाघिन, 10 दिन सड़क पर वाहनों की रेलमपेल देख वापस टाइगर हिल लौटी

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बूंदी। बूंदी के निकट रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बीच में से होकर गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर वन्यजीवों के लिए सुरक्षित अंडरपास या ओवरब्रिज नहीं होने से प्राकृतिक कॉरिडोर वन्यजीवों के लिए बाधित हो गया है। युवा बाघिन आरवीटी 8 करीब 10 दिन से टाइगर रिजर्व के कोर कालदां बफर जोन में जाने के लिए सड़क पार नहीं कर सकी। बाघिन ने इस दौरान कई बार सड़क पार करने की कोशिश की लेकिन व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग होने से वह जंगल के दूसरे भाग में जाने के लिए सुरक्षित रास्ता तलाशने में विफल रही। गौरतलब है कि रणथंभौर से छोड़ी गई यह बाघिन टेरेटरी की तलाश में है तथा एक माह से लगातार बूंदी शहर के आसपास मूवमेंट कर रही है। टाइगर रिजर्व के इस इलाके में बाघिन आरवीटी 3 की एक नर शावक के साथ पहले से ही टेरेटरी है। इस कारण से दोनों बाघिनों में इलाके में बने रहने के लिए संघर्ष की आशंका भी बनी हुई है। बाघ आरवीटी 1 की गतिविधियां भी अधिकतर इसी इलाके में रहती है। बूंदी शहर के नजदीक चार बाघों की मौजूदगी बनी हुई है लेकिन हाइवे पार कर कालदां के सघन व सुरक्षित जंगल में नहीं जा पा रहे हैं।
हाइवे पर बनने थे 5 अंडरपास, एक भी नहीं बना- राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के निर्माण के दौरान वन्यजीवों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण तालाब गांव से फूलसागर रोड़ तक के जंगल में 5 अंडरपास प्रस्तावित किए गए थे लेकिन विभागीय सामंजस्य के अभाव में एक भी नहीं बन पाया। टाइगर रिजर्व बनने के बाद बाघों सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या बढ़ने से इस व्यस्त राजमार्ग पर वन्यजीवों की आवाजाही बाधित हो गई है और वाहन चालकों के लिए भी इस वनक्षेत्र में नीलगाय आदि वन्यजीवों से दुर्घटना की आशंका रहती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर वन्यजीवों की आवाजाही के लिए तालाब गांव से फूलसागर रोड़ तक जंगल के बीच प्रस्तावित 5 अंडरपास नहीं बन पाने से बाघ सहित अन्य वन्यजीवों की इस व्यस्त राजमार्ग पर आवाजाही बाधित हो गई है और वाहन चालकों के लिए भी नीलगाय जैसे वन्यजीवों से दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। -पृथ्वी सिंह राजावत, वन्यजीव प्रेमी, बून्दी

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