‘लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की’, अखिलेश यादव बोले- अंतरात्मा की आवाज सुनें

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव आयोग को सुधार ही नहीं, आमूलचूल परिवर्तन की अपरिहार्यता है। एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ और ‘वोट चोरी’ जैसे विपक्षी दलों के आरोपों के बीच अखिलेश यादव ने यह बयान दिया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सपा सांसद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आज लोकतंत्र को बचाने का ऐतिहासिक दायित्व चुनाव आयोग के कंधों पर है। माना उनके ऊपर कई प्रकार के अवांछित दबाव काम कर रहे हैं, लेकिन वे ये न समझें कि वे अकेले हैं। जब चुनाव आयोग सही रास्ते पर चल निकलेगा तो करोड़ों भारतवासियों का साथ उनका रक्षा कवच बन जाएगा। सत्य के मार्ग पर चलने वालों के साथ जनता और जन विश्वास स्वयं चलने लगता है।” सपा मुखिया ने आगे लिखा, “चुनाव आयोग का एक सही और साहसिक कदम देश की अनंत पीढ़ियों का भविष्य और कल्याण सुनिश्चित कर सकता है। सबको अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए।”

इससे पहले, अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए थे। शनिवार को लखनऊ में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद अखिलेश यादव ने कहा, “समय-समय पर उंगलियां उठी हैं। चाहे ग्राम प्रधान का चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो, लोकसभा चुनाव हो या कोई अन्य चुनाव हो, यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हों।” अखिलेश यादव ने कहा, “लोगों का इस संस्था पर विश्वास बढ़ाना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, लेकिन हम देख रहे हैं कि लोग चुनाव आयोग के काम करने के तरीके से असंतुष्ट हैं। हाल ही में, ‘इंडिया’ गठबंधन ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ आवाज उठाई है। इस कोशिश का नतीजा यह हुआ कि सुप्रीम कोर्ट को भी विपक्ष के रुख से सहमत होना पड़ा।” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर कई बार उंगली उठी है। अगर चुनाव आयोग के एक भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए, तो कहीं भी वोट चोरी, वोट डकैती या ऐसी कोई लूट नहीं होगी।

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