नई दिल्ली। संसद में राहुल गांधी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की रणनीति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सीधे सवाल करते हुए कहा, “अगर पीएम में इंदिरा गांधी की तरह 50 प्रतिशत भी दम है तो सदन में खड़े होकर कहें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने झूठ कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया।”
राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत सरकार ने खुद पाकिस्तान को पहले ही सूचना दे दी थी कि हम उनके सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाएंगे। “इसका मतलब है कि आपने 35 मिनट में सरेंडर कर दिया।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास युद्ध लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है और पायलट्स के हाथ बांध दिए गए थे।
राहुल ने कहा कि भारत की विदेश नीति विफल हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि DGMO स्तर की बातचीत के दौरान पाकिस्तान को चीन से लाइव डेटा मिल रहा था, और भारत सरकार केवल अपनी छवि बचाने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, “सेना का उपयोग देश की सुरक्षा के लिए होना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री की पीआर के लिए।”
राहुल गांधी ने पूछा कि पहलगाम हमले के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की सीधी निंदा क्यों नहीं की? “इसका मतलब है कि दुनिया अब भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौल रही है।”
राहुल ने प्रधानमंत्री पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को कमजोर किया है। “पाकिस्तानी सेना का प्रमुख ट्रम्प के साथ डिनर कर रहा था और ट्रम्प ने कहा कि मैं मुनीर का शुक्रगुजार हूं। क्या यही न्यू नॉर्मल है?”
राहुल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के 1971 युद्ध के संदर्भ पर पलटवार करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने सेनाध्यक्ष को फ्रीडम ऑफ एक्शन दी थी, जिसके परिणामस्वरूप एक नया देश बना। उन्होंने कहा, “अगर आप सेना से पूरा काम लेना चाहते हैं तो उसे राजनीतिक इच्छाशक्ति और पूर्ण स्वतंत्रता देनी होगी। टाइगर को बांधकर नहीं चलाया जा सकता।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल उठाने का मतलब सेना पर सवाल नहीं, बल्कि सरकार की रणनीति पर जवाबदेही तय करना है। “सरकार बताए कि आखिर क्यों भारत ने पाकिस्तान से खुद कहा कि हम लड़ाई नहीं चाहते?”