रायला/भीलवाड़ा : रिश्वत मामले में जांच अधिकारी बदला, लेकिन अभी तक नहीं हुई है जांच शुरू

ram

रायला/भीलवाड़ा। 35 साल पूर्व स्टांप पर खरीदे गए प्लाट के एक मामले में एक महिला ने स्टांप की साइज में हेरा फेरी करके मुकदमा दर्ज कराया । रायला थाना पुलिस ने इस मामले मे कालू को उठा लिया और 24 घंटे से अधिक थाने में बन्द कर दिया। जिसकी जानकारी एक सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व उप सरपंच कांग्रेसी कार्यकर्ता राकेश कोगटा को मिली। राकेश कोगटा ने थाने पहुंचकर कालू को जमानत पर रिहा करने की बात कही ।कोगटा ने आरोप लगाते हुए बताया की थाने में तैनात अनिल कुमार द्वारा ₹3000 मांगे गए थे। ₹3000 लेने के बाद उपखंड मजिस्ट्रेट बनेड़ा के यहां पर कालू को पुलिस ने पेश किया जहां से उसे जमानत पर रिहा किया गया, इस घटनाक्रम के बाद रायला थाने में तैनात हेड कांस्टेबल अनिल कुमार के द्वारा ली गई रिश्वत के मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। पुलिस अधीक्षक ने वायरल वीडियो की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक गुलाबपुरा को रायला थाने भेजा। वायरल वीडियो की जांच के दौरान पुलिस ने राकेश कोगटा पर दबाव बनाकर वायरल वीडियो की हकीकत पर पर्दा डाल दिया गया। पूर्व सरपंच राकेश कोगटा ने बताया कि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह के समक्ष पेश होकर वायरल वीडियो की सच्चाई बया कर थाने में ₹3000 की राशि वसूलने जैसे भ्रष्टाचार की परत खोलने के लिए अन्य पुलिस जांच अधिकारी से जांच करवाने की मांग की है। पुलिस अधीक्षक ने अन्य जांच अधिकारी नियुक्त कर देने की जानकारी सामने आई है लेकिन एक पखवाड़े से भी अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक जांच कारवाई लंबित है। जिसके चलते भृष्ट पुलिसकर्मी विभागीय कार्रवाई से बचता चला आ रहा है। इस मामले में एक समाचार पत्र में खबर भी प्रकाशित हुई थी। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा अब तक कोई जांच कार्यवाही नहीं की। जिससे लगता है कि पुलिस विभाग पुलिस कर्मियों के भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने के मामले को दबाना चाहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *