अटल पेंशन योजना ने वित्त वर्ष 2026 में 8 करोड़ से अधिक एनरोलमेंट किए दर्ज, 39 लाख नए सदस्य जुड़े

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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के अनुसार, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) ने वित्त वर्ष 26 में अब तक 39 लाख नए सदस्यों को जोड़कर कुल 8 करोड़ एनरोलमेंट को पार कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सरकार की इस योजना को 9 मई, 2015 को लाया गया था। यह सामाजिक सुरक्षा योजना अपनी शुरुआत के बाद से अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रही है। सभी भारतीयों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘एपीवाई’ एक स्वैच्छिक, अंशदायी पेंशन योजना है, जो गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित है। वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस नोट में कहा कि एपीवाई की यह सफलता सभी बैंकों, डाक विभाग (डीओपी), अन्य हितधारकों के समर्पित और अथक प्रयासों और भारत सरकार के निरंतर समर्थन का परिणाम है। यह योजना पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित है। पीएफआरडीए ने आउटरीच कार्यक्रमों, प्रशिक्षण, बहुभाषी हैंडआउट्स, मीडिया अभियानों और नियमित समीक्षाओं के माध्यम से एनरोलमेंट को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है। अटल पेंशन योजना को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह ‘सम्पूर्ण सुरक्षा कवच’ प्रदान करे । योजना से जुड़े व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 से 5,000 रुपए की गारंटीकृत मासिक पेंशन दी जाती है। इसके अलावा, ग्राहक की मृत्यु के बाद जीवनसाथी को भी उतनी ही पेंशन सुनिश्चित कर सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसके अलावा, दोनों (पति और पत्नी) की मृत्यु के बाद संचित राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाती है। यह योजना 18-40 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। हालांकि, आयकर देने वाले लोग अटल पेंशन योजना के ग्राहक नहीं हो सकते। योजना में प्रीमियम का भुगतान मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक किया जा सकता है। इसके अलावा, योजना के लिए न्यूनतम अंशदान अवधि 20 वर्ष या उससे अधिक हो सकती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल की शुरुआत में, अटल पेंशन योजना का ग्राहक आधार 7.65 करोड़ तक पहुंच गया था और 45,974.67 करोड़ का कुल कोष जुटाया गया। इसके अलावा, कुल ग्राहकों में महिलाओं की संख्या बढ़कर लगभग 48 प्रतिशत हो गई।

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