नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी श्रेणी के तहत प्रोफेसरों के लगभग 80 प्रतिशत पद खाली रहने पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और मांग की कि रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए। गांधी ने एक्स पर कहा कि बहुजनों को उनके अधिकार मिलने चाहिए, मनुवादी बहिष्कार नहीं। गांधी ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के तहत प्रोफेसर के 83 प्रतिशत पद, उसके बाद ओबीसी श्रेणी के तहत 80 प्रतिशत पद जानबूझकर खाली रखे गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “एससी (अनुसूचित जाति) के लिए 64 प्रतिशत (प्रोफेसर पद) जानबूझकर खाली रखे गए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह, एसटी: 65 प्रतिशत, ओबीसी: 69 प्रतिशत, एससी: 51 प्रतिशत के एसोसिएट प्रोफेसर पद भी खाली हैं। राहुल गांधी ने तर्क दिया कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़े “बहुजनों के वंचना और संस्थागत मनुवाद का ठोस सबूत हैं।” बहुजनों को शिक्षा से दूर रखने की साजिश का आरोप लगाते हुए, गांधी ने हाशिए पर पड़े समुदायों और उनके मुद्दों को सार्वजनिक चर्चाओं से बाहर रखने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह महज़ लापरवाही नहीं, बल्कि बहुजनों को शिक्षा, शोध और नीति-निर्माण से दूर रखने की एक सुनियोजित साज़िश है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों को लेकर केंद्र पर बरसे राहुल गांधी, कहा- यह बहुजन को दूर रखने की साजिश
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