बूंदी। राजकीय महाविद्यालय, बूंदी में सोमवार को स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन मीट का आयोजन महाविद्यालय डॉ अनिता यादव की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में उच्च शिक्षण संस्थानों की पर्यटन को ज्ञान अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख रणनीति के रूप में बढ़ावा देने में भूमिका पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षा एवं पर्यटन के मध्य पॉलिसी गैप, चुनौतियां, महत्वपूर्ण मुद्दे एवं समाधान पर शिक्षाविद, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए व्यक्तियों, पुरातत्ववेत्ताओं तथा समाज के गणमान्य नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम में महाविद्यालय की यूजीसी सेल प्रभारी डॉ पूजा सक्सेना ने यह बताया कि किस प्रकार से पर्यटन क्षेत्र में विभिन्न शोध परियोजना चलाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, पारिस्थितिक पर्यटन आदि क्षेत्रों में शोध किया जा सकता है। राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संदीप यादव ने अपने व्याख्यान में पर्यटन क्षेत्र में विद्यमान चुनौतियों, योजनाओं की कमी, विद्यमान समस्याओं तथा सुझाव पर विस्तृत विचार रखे। उन्होंने कहा कि सुव्यवस्थित तथा प्रभावशाली कार्य योजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में पर्यटन से संबंधित कोर्सेज को स्थान दिया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी पर्यटन विकास की दृष्टि से विशिष्ट अध्ययन कर सके। इंटेक प्रतिनिधि तथा अधिवक्ता डॉ राजकुमार दाधीच, राजेंद्र शर्मा, पुरातत्ववेत्ता ओम प्रकाश शर्मा ‘कुक्की’, उषा शर्मा, राजकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य देवेश पाठक, लॉन्चिंग पैड के प्रतिनिधि मोहित मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में पर्यटन विभाग तथा आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, जयपुर के निर्देशानुसार आयोजित यह बैठक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन तथा तथा विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रभावी समन्वय के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य, विद्यार्थी तथा शोधार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ दिलीप राठौड़ एवं डॉ सविता चौधरी ने किया ने किया। डॉ भारतेंदु गौतम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

बूंदी : उच्च शिक्षण संस्थानों में पर्यटन के समावेशीकरण पर विचार गोष्ठी का आयोजन
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