नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से पहले रविवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल के नेताओं ने कई गंभीर मुद्दे उठाए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भारत-पाकिस्तान और चीन सीमा पर दो मोर्चों की चुनौतियों और विदेश नीति पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को संसद में आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। गोगोई ने आगे कहा, काफी समय बीत चुका है और सरकार को अपनी चूक के ऊपर अपनी बात रखनी होगी। युद्ध के लिए हमने अपनी सेनाओं को पूरा समर्थन दिया। इसके पश्चात जो घटनाक्रम हुआ है, उस पर प्रधानमंत्री मोदी को प्रकाश डालना चाहिए क्योंकि जो बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आ रहे हैं, वे कहीं न कहीं भारत की गरिमा और सेना के शौर्य पर सवाल उठाते हैं। आज चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ वार्तालाप करने से भी हिचकिचा रहा है। रक्षा और विदेश नीति पर बात रखना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मणिपुर में कुछ ही महीनों में शांति बहाल हो जाएगी, लेकिन लगभग 2.5 वर्ष हो चुके हैं और वहां अभी तक शांति स्थापित नहीं हुई है।” गोगोई ने बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाए जाने पर चिंता जताई और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया। गोगोई ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोग की कल्पना की थी, लेकिन वर्तमान स्थिति चिंताजनक है।
संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक संपन्न, गोगोई बोले- विदेश नीति पर चर्चा की हमने उठाई मांग
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