लंदन। भारत के कप्तान शुभमन गिल ने लॉर्ड्स टेस्ट में टीम की कड़ी लड़ाई और खासतौर पर निचले क्रम के खिलाड़ियों के जुझारूपन की सराहना की। भारत इस रोमांचक मुकाबले में अंतिम सत्र तक मुकाबला करता रहा, लेकिन जीत से महज 22 रन दूर रह गया। पांचवें दिन के पहले सत्र में भारत की स्थिति बेहद खराब रही और टीम 82 रन पर सात विकेट खो बैठी थी। जीत के लिए अभी भी 111 रन की दरकार थी, लेकिन रवींद्र जडेजा ने नितीश रेड्डी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ क्रमशः 30, 35 और 23 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत के करीब ला दिया। गिल ने मैच के बाद कहा, “जडेजा भारत के सबसे मूल्यवान खिलाड़ियों में से एक हैं। इस सीरीज में उन्होंने लगातार चौथी फिफ्टी लगाई है और जिस तरह से उन्होंने संयम और धैर्य दिखाया, वह शानदार था। उन्होंने 55 में से 30 ओवर बल्लेबाजी की और 99 में से 61 रन बनाए। यह दिखाता है कि वह कितने भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। निचले क्रम के साथ बल्लेबाजी करना हमने पहले दो मैचों में चर्चा की थी और आज जो साहस और जज्बा उन्होंने दिखाया, वो प्रशंसनीय है।” गिल ने माना कि अंतिम दो दिन बल्लेबाजी में लय नहीं मिलने के कारण 192 रन का लक्ष्य मुश्किल बन गया। यशस्वी जायसवाल के शुरुआती विकेट के बाद राहुल और करुण नायर ने कुछ स्थिरता दी थी, लेकिन चौथे दिन स्टंप्स तक भारत 58/4 पर पहुंच चुका था, जिसमें गिल और नाइटहॉक आकाश दीप भी आउट हो गए थे।
लॉर्ड्स टेस्ट में मिली हार के बाद बोले कप्तान गिल–”निचले क्रम का जुझारूपन और साहस काबिले तारीफ”
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