जयपुर। अन्त्योदय के संकल्प को साकार करने में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। सहकारिता के महत्व के दृष्टिगत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2025 को अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है। राज्य सरकार ‘सहकार से समृद्धि की भावना के साथ समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सहकारिता विभाग ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य में नई सरकार के गठन से लेकर 30 जून, 2025 तक केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 75.52 लाख किसानों को लगभग 42 हजार 131 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किये गए हैं। वर्ष 2025-26 में 35 लाख कृषकों को 25 हजार करोड़ रुपये के अल्पकालीन ऋण वितरित किये जाने का राज्य बजट में प्रावधान किया गया है। वहीं केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा उक्त अवधि में 805 करोड़ रुपये से अधिक के मध्यकालीन ऋण वितरित किये गए हैं। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक एवं प्राथमिक भूमि विकास बैंकों द्वारा इस दौरान लगभग 232 करोड़ रुपये के दीर्घकालीन ऋण वितरित किये गए हैं। इसी प्रकार, राज्य में नवीन सहकारी समितियों का गठन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। जून, 2025 तक 216 नये पैक्स, 97 नये लैम्प्स और 313 नवीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया गया है। राज्य बजट 2025-26 में आगामी दो वर्षों में शेष रही समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन का प्रावधान किया गया है। इसके लिए समिति गठन के प्रावधानों में शिथिलता दी गई है। उक्त अवधि के दौरान 412 कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना की गई है। वहीं, ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 212 नये गोदामों का निर्माण किया गया है। इस अवधि में नये गोदामों के निर्माण पर लगभग 28 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है।
जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में ‘सहकार से समृद्धि की भावना के साथ कमजोर वर्ग को सशक्त बना रही राज्य सरकार
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