चित्तौड़गढ़ । राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण जनों के सर्वांगीण विकास एवं संपत्ति अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे स्वामित्व योजना के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जिले की ग्राम पंचायत ऊँखलिया एवं ग्राम पंचायत केली में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा शिविरों ने दो ग्रामीण परिवारों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन की नींव रखी।
कमलेश कुमार धाकड़ की कहानी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता एक कदम
ग्राम पंचायत ऊँखलिया के फाचर सोलंकी निवासी कमलेश कुमार धाकड़ वर्षों से अपने पुस्तैनी मकान में रह रहे थे, लेकिन उनके पास उसके आधिकारिक स्वामित्व का कोई प्रमाण नहीं था। यह समस्या उन्हें बैंकों या अन्य संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न कर रही थी। पंचायत समिति निंबाहेड़ा की ऊँखलिया ग्राम पंचायत में सोमवार 07 जुलाई को आयोजित शिविर के दौरान जब उन्हें स्वामित्व योजना के अंतर्गत उनका स्वामित्व कार्ड सौंपा गया, तो उनकी आँखों में संतोष और भविष्य की आशा दोनों झलक रहे थे। शिविर में प्रधान जी, तहसीलदार, पंचायत प्रशासक एवं सहायक विकास अधिकारी की उपस्थिति में उन्हें यह कार्ड सौंपा गया। कमलेश कुमार ने अपनी भावनाएँ साझा करते हुए कहा, यह स्वामित्व कार्ड मेरे लिए केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि मेरी ज़िंदगी की नई शुरुआत है। अब मैं इसे आधार बनाकर बैंक से ऋण लेकर अपने बच्चों की पढ़ाई, खेती और आवश्यक जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकूंगा। मैं इस योजना के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार का सादर धन्यवाद करता हूँ।
चित्तौड़गढ़: स्वामित्व योजना ने दिलाया हक़ : कमलेश और लालूराम की ज़िंदगी में आया बड़ा बदलाव
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