बारां। ‘सशक्त बारां, प्रगति को शक्ति’ अभियान के तहत जिले में पहली बार संभाग स्तरीय ‘दिव्यांग रोजगार उत्सव’ का आयोजन किया गया। साथ ही इस अवसर पर ‘दिव्यांग विकास योजना’ के तहत ‘‘थाम के मेरा हाथ चलो मेरे साथ’’ की थीम के साथ दिव्यांग रसोई का शुभारंभ किया गया। यह सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया। शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक राधेश्याम बैरवा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व मंव राज्य सरकार विशेष योग्यजनों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। दिव्यांगजनों को अब केवल सहानुभूति की नहीं, बल्कि संबल और अवसरों की आवश्यकता है, जिसे यह सरकार प्राथमिकता दे रही है।
दिव्यांगजनों से आत्मीय संवाद और व्यापक निर्देश- जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने रोजगार शिविर में उपस्थित विशेष योग्यजनों से आत्मीय संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने स्तर पर दिव्यांगजनों को रोजगार मुहैया करवाएं। इसके साथ ही जिला कलक्टर ने निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर व तकनीकी क्षेत्रों में दिव्यांगजनों को रोजगार देने की दिशा में प्रयास करने को कहा। उन्होंने जिले में व्यापक दिव्यांग सर्वे करवाने के निर्देश भी दिए ताकि जरूरतमंद को रोजगार एवं योजनाओं से लाभान्वित किया जा सकें।
‘दिव्यांग रसोई योजना’ का शुभारंभ- जिला कलक्टर के निर्देशन में दिव्यांग विकास योजना के अंतर्गत एक अनूठी पहल करते हुए ‘दिव्यांग रसोई’ शुरु की गई। इस योजना का उद्देश्य जिले के ऐसे दिव्यांगजनों तक उनके आवास पर पोषणयुक्त भोजन पहुंचाना है जो स्वयं भोजन बनाने में असमर्थ हैं। जिला कलक्टर ने एक आम नागरिक के रूप में संस्था को फोन कर भोजन की मांग की। संस्था ने संतोषजनक जवाब देते हुए एक घंटे के भीतर भोजन घर तक पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह योजना दिव्यांगजनों के लिए न केवल पोषण का बल्कि सम्मान के साथ जीवन जीने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रोजगार उत्सव में मिला दिव्यांगजनों को रोजगार का अवसर- सहायक निदेशक शुभम नागर ने बताया कि दिव्यांग रोजगार उत्सव में 100 से अधिक दिव्यांगजनों का पंजीकरण किया गया। इस उत्सव में सात से अधिक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय व राष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया। इन कंपनियों ने दिव्यांगजनों को उनकी शैक्षणिक योग्यता और क्षमता के अनुसार रोजगार देने का प्रस्ताव रखा। यह आयोजन विशेष रूप से 18 वर्ष से अधिक आयु के चलन अक्षमता एवं मूक-बधिर श्रेणी के दिव्यांगजनों के लिए किया गया है। इसके अंतर्गत रोजगार के साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी और पंजीकरण भी किया गया। इस अवसर पर पूर्व जिला प्रमुख नंदलाल सुमन, सीएमएचओ डॉ. संजीव सक्सेना, औस संस्थान के सचिव संदीप जैन, विकलांग कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष आफाक अहमद खान, रोजगार अधिकारी राकेश कुमार वर्मा सहित अनेक अधिकारी, संस्थाओं के प्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

विशेष योग्यजनों के लिए आत्मनिर्भरता की ओर कदम: जिले में रोजगार उत्सव का आयोजन और ‘दिव्यांग रसोई’ योजना का भव्य शुभारंभ
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