भीलवाड़ा : हरि शेवा उदासीन आश्रम में वार्षिक वर्सी उत्सव 26 से

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– चार दिवसीय कार्यक्रम, सेवादारियों की बैठक में जिम्मेदारियां सौंपी गईं
– महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सेवा-सुमिरन का संदेश दिया
भीलवाड़ा। हरि शेवा उदासीन आश्रम, सनातन मंदिर, भीलवाड़ा में सतगुरु बाबा हरिराम साहेब एवं बाबा गंगाराम साहेब के वार्षिक वर्सी उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। चार दिवसीय यह उत्सव आगामी 26 से 29 जून तक श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।आश्रम के संत गोविंदराम ने बताया कि परंपरा अनुसार इस वर्ष भी यह आयोजन भव्य रूप में सम्पन्न होगा। देशभर से श्रद्धालु सतगुरुओं की वंदना करने के लिए आश्रम में पधारेंगे।
सेवा समितियों का गठन- हाल ही में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में आश्रम परिसर में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सान्निध्य में विभिन्न सेवा समितियों का गठन किया गया। बैठक में सभी सेवादारियों के बीच आयोजन की विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी गईं। कोठार सेवा, दूध-सब्जी लाने, चाय-जल सेवा, संतों की सेवा, चरण पादुका पूजन, भोजन वितरण, भंडार निर्माण, पत्रक वितरण, संतों एवं अतिथियों के आवागमन एवं आवास व्यवस्था आदि के लिए समितियां गठित की गईं। इसके अलावा आयोजन स्थल की सजावट, स्वच्छता, यातायात और पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापक चर्चा की गई।
उत्सव का कार्यक्रम- संत गोविंदराम ने बताया कि 26 जून (एकम तिथि) को परम पूजनीय श्री 108 बाबा हरिराम साहेब जी का 78वां वार्षिक वर्सी उत्सव और 29 जून (चौथ तिथि) को परम पूजनीय श्री 108 बाबा गंगाराम साहेब जी का 29वां वार्षिक उत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, हरिनाम संकीर्तन, भजन-कीर्तन, प्रवचन, संतों की वाणी और भंडारे आयोजित किए जाएंगे। देशभर से बड़ी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु इस आयोजन में सम्मिलित होंगे। बाहर से पधारने वाले श्रद्धालुओं के लिए आवास और भोजन की समुचित व्यवस्था की जा रही है। सभी व्यवस्थाएं इस प्रकार की जा रही हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सेवा-सुमिरन का महत्व- महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि “सेवा और सुमिरन का जीवन में बड़ा महत्व है। सतगुरु की सेवा करने से अंत:करण शुद्ध होता है। सतगुरुओं के वचनों को जीवन में उतारकर सनातन धर्म के पथ पर आगे बढ़ना ही सच्चा साधक बनाता है।” उन्होंने कहा कि यह उत्सव केवल आयोजन मात्र नहीं है, बल्कि आत्मिक उन्नति और साधना का सुअवसर भी है।
बैठक में उपस्थित सदस्य- बैठक में संत मयाराम, ब्रह्मचारी इंद्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहिर, सचिव हेमंत वच्छानी, अंबालाल नानकानी, हीरालाल गुरनानी, हेमनदास भोजवानी, वीरूमल पुरूसवानी, पुरूषोत्तम परियानी, गोपाल नानकानी, वासु मोतियानी, ईश्वर आसनानी, इन्द्र आवतानी, गंगाराम पेशवानी सहित हंसगंगा हरि शेवा भक्त मंडल के अनेक सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने तन-मन-धन से आयोजन को सफल बनाने का संकल्प लिया।
श्रद्धा और उत्साह का माहौल- जैसे-जैसे उत्सव की तिथियां नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं और सेवादारों में उमंग और श्रद्धा का वातावरण बनता जा रहा है। आश्रम परिसर में तैयारियों की गति तेज हो चुकी है। सेवा समितियों के सदस्य अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। आश्रम समिति का कहना है कि इस आयोजन को यादगार और भावपूर्ण बनाने हेतु सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त की जा रही हैं।

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