राजसमंद। भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सक्रिय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शनिवार को राजस्थान के राजसमन्द ज़िले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केलवाड़ा थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक (ASI) आनन्द सिंह रावत को 25,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। एसीबी मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजसमन्द एसीबी चौकी को एक परिवादी ने शिकायत दी थी कि उसके बेटे के खिलाफ दर्ज एक मामले में केलवाड़ा थाने में पदस्थ ASI आनंद सिंह रावत रिश्वत मांग रहा है। आरोपी पुलिसकर्मी की मांग थी कि यदि परिवादी 30,000 रुपये की रिश्वत देता है, तो उसके पुत्र के साथ मारपीट नहीं की जाएगी, उसकी पत्नी को मामले में नामजद आरोपी नहीं बनाया जाएगा और मुकदमे में हर संभव “सहयोग” दिया जाएगा। यह पूरी बातचीत स्पष्ट रूप से दबाव और डर के वातावरण में की जा रही थी, जो भ्रष्टाचार का क्लासिक उदाहरण है। राजसमन्द एसीबी चौकी के पुलिस उप अधीक्षक रतन सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। यह कार्रवाई उप महानिरीक्षक (DIG) राजेन्द्र प्रसाद गोयल की देखरेख में अंजाम दी गई। जैसे ही ASI आनंद सिंह रावत ने परिवादी से 500-500 रुपये के 50 नोटों, यानी कुल 25,000 रुपये की नकद रिश्वत ली, टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रावत से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह उसका पहला मामला है या वह पहले भी ऐसी हरकतों में लिप्त रहा है। इस गिरफ्तारी ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या पुलिस महकमे के कुछ अधिकारी कानून के बजाय रिश्वत के दम पर काम कर रहे हैं? केलवाड़ा जैसे छोटे थानों में भ्रष्टाचार की शिकायतें नई नहीं हैं, लेकिन ACB की यह कार्रवाई उदाहरण पेश करती है कि अब ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति पर काम हो रहा है।

राजसमन्द में एएसआई 25000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, एसीबी की बड़ी कार्रवाई
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