नई दिल्ली। तत्काल रेलवे टिकटों की हो रही कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन की सुविधा शुरू करेगा। जिससे असली यात्री तत्काल टिकट की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
ई-आधार सत्यापन की शुरुआत करेगा रेलवे- रेल मंत्री
अश्विनी वैष्णव ने कहा, भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन की शुरुआत करेगा। इससे जरूरत के समय वास्तविक यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलना आसान होगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य दलालों पर रोक लगाना और असली यात्रियों को प्राथमिकता देना है। दरअसल,तत्काल टिकट बुक वक्त यह एक तरह का वेरिफिकेशन होगा। जो कि टिकट बुक करवा रहे शख्स के आधार कार्ड के जरिए किया जाएगा। इसे दलालों के द्वारा अवैध टिकट बुकिंग को रोकने के मकसद से लाया जा रहा है। अक्सर तत्काल टिकट बुकिंग करते समय मिनटों में ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट से तत्काल टिकट बुक हो जाती है।ऐसा दलालों के द्वारा अवैध रूप से टिकट बुक कराने की वजह से होता था। अब इस पर सरकार नकेल कसने के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।
अब यात्रियों को इस तरह से बुक करना होगा तत्काल टिकट
तत्काल टिकट ट्रेन के चलने से एक दिन पहले ही बुक किए जाते हैं। एसी क्लास के लिए बुकिंग का समय सुबह 10 बजे और स्लीपर क्लास का बुकिंग का समय 11 बजे शुरू होता है। लेकिन रेलवे के इस नए बदलाव के बाद से आईआरसीटीसी से ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक कराते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले तो अपने आईआरसीटीसी अकाउंट को अपने आधार कार्ड के साथ लिंक करना होगा। इसमें यूसर्ज को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाना होगा। यहां उन्हें अपना अपना यूज़रनेम और पासवर्ड डालकर लॉग इन करना होगा। फिर माय अकाउंट में जाकर ऊपर दाईं ओर क्लिक करना होगा। इसके बाद लिंक यूअर आधार का ऑप्शन चयन करना होगा। इसमें यूजर्स को अपना आधार कार्ड पर दिए नंबर और नाम भरना होगा। इसके बाद इसे एक ओटीपी से वेरीफाई करना होगा। इसके बाद अपडेट का बटन दबाने के बाद वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा। इसके बाद स्क्रीन पर कन्फर्मेशन आएगी और आपका अकाउंट लिंक हो जाएगा। आईआरसीटीसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि,नए तरीके का लागू हो जाने के बाद हर यात्री को डिजिटल रूप से अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी। इसके लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल करना होगा। जिसके बाद यूजर को एक ओटीपी मिलेगा और बिना इस ओटीपी के तत्काल टिकट बुक नहीं हो सकेगी। इससे फर्जी बुकिंग और बॉट के जरिए टिकट खरीदने की घटनाएं रोकी जा सकेंगी। इस नए सिस्टम की खास बात यह रहेगी कि पहले 10 मिनट तक सिर्फ वही यात्री तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे जिनका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक होगा। भारतीय रेलवे द्वारा विकसित किए गए विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से पिछले 6 महीने में 2.4 करोड़ से अधिक यूजर्स को डीएक्टिवेट करते हुए उन्हें ब्लॉक किया गया है। करीब 20 लाख दूसरे अकाउंट को भी संदिग्ध पाया गया है, जिनके आधार एवं दूसरे डॉक्यूमेंट की जांच की जा रही है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अभी 13 करोड़ से ज्यादा एक्टिव सब्सक्राइबर हैं, जिनमें आधार प्रमाणित अकाउंट की संख्या 1.2 करोड़ है। आईआरसीटीसी ने उन सभी अकाउंट की विशेष जांच का फैसला लिया है, जो आधार से ऑथेंटिकेटेड नहीं है। संदिग्ध पाए जाने पर अन ऑथेंटिकेटेड खातों को बंद करने का फैसला किया जाएगा।
आईआरसीटीसी ने बंद किए 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी
तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को बंद (डिएक्टिवेट) कर दिया है। ये आईडी ऐसे लोग या एजेंट्स चला रहे थे, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने बताया कि रेलवे ने अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली को पूरी तरह डिजिटली मॉडर्नाइज कर दिया है। अब वेबसाइट पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित एंटी-बॉट सिस्टम लगाया गया है, जो फर्जी और ऑटोमेटिक बुकिंग करने वाले बॉट्स को तुरंत पहचान कर ब्लॉक कर देता है।
‘सिर्फ असली यूजर्स ही बुक कर सकेंगे तत्काल टिकट’
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि अब केवल सत्यापित और असली यूजर्स ही तत्काल टिकट बुकिंग सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। बता दें कि, भारतीय रेलवे को पिछले 5 महीनों में 2.9 लाख संदिग्ध पीएनआर का पता चला था। ये वो सामान्य और तत्काल टिकट थे, जिसे बुकिंग शुरू होने के 5 मिनट के अंदर खरीदे गए थे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जनवरी से मई 2025 में 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी बंद कर दी गई है। इनमें से कई खाते एजेंटों या सॉफ्टवेयर से जुड़े थे, जो सिस्टम में खामियों का फायदा उठा रहे थे। इसके अलावा 20 लाख यूजर आईडी को दोबारा जांच के लिए रखा गया है।