अमेरिका की एक संघीय व्यापार अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाने से रोक दिया है और कहा है कि उन्होंने कानून द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों का अतिक्रमण किया है। मामला 2 अप्रैल को ट्रम्प द्वारा घोषित टैरिफ के बारे में था। इन टैरिफ में ज़्यादातर आयातों पर 10% कर जोड़ा जाता, साथ ही चीन और यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर और भी ज़्यादा कर लगाया जाता। उन्होंने इस योजना को लिबरेशन डे बताया था। हालांकि बाद में उन्होंने अन्य देशों के साथ सौदे करने की कोशिश करते हुए कुछ हाई टैरिफ को होल्ड कर दिया। हालाँकि, न्यूयॉर्क स्थित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय के तीन न्यायाधीशों के एक पैनल ने फैसला सुनाया कि ट्रम्प को अकेले इस तरह के व्यापक टैरिफ परिवर्तन करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।न्यूयॉर्क में स्थित अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। इससे पहले इस संबंध में दायर कई मुकदमों में दलील दी गई थी कि ट्रंप अपने अधिकार का दुरुपयोग करके मनमर्जी से देश की व्यापार नीति तय कर रहे हैं। ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि शुल्क लगाने से निर्माता फैक्ट्रियां अमेरिका वापस लाने के लिए मजबूर होंगे, जिससे अमेरिकी लोगों के लिए रोजगार के अवसर पढ़ेंगे। ट्रंप का कहना है कि इससे संघीय बजट घाटे को कम करने के लिए पर्याप्त राजस्व हासिल होगा।

‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर अमेरिकी कोर्ट ने लगाई रोक ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर अमेरिकी कोर्ट ने लगाई रोक
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