बिजली गिरने से होने वाली मौत में वृद्धि; नए सुरक्षात्मक उपकरण नहीं लगे

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मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौत की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यहां इससे निपटने के लिए कोई नया ‘बोल्ट अरेस्टर’ उपकरण नहीं लगाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।‘बोल्ट अरेस्टर’ सुरक्षात्मक उपकरण है जो आकाशीय बिजली गिरने पर उसे सुरक्षित रूप से जमीन के अंदर भेज देता है। इस उपकरण से आकाशीय बिजली से होने वाली क्षति की आशंका कम रहती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 में बिजली गिरने से 48 लोगों की मौत हुई थी, जबकि पिछले साल इसमें 28 मामले और बढ़े और कुल 76 लोगों की मौत हुई। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई संभागीय आपदा प्रबंधन टीम की बैठक के दौरान ये जानकारी दी गई। संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में यहां मानसून से पहले हुई समीक्षा बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश दिए थे कि मराठवाड़ा के आठ जिलों में से प्रत्येक में कम से कम 100 ‘बोल्ट अरेस्टर’ उपकरण लगाए जाएं, लेकिन किसी भी जिले ने इन उपकरणों की खरीद के लिए प्रस्ताव नहीं पेश किया।

लातूर जिले में 2023 में बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2024 में यहां बिजली गिरने से 15 लोग मारे गए थे। लेकिन इसके बाद भी जिले में केवल तीन ‘बोल्ट अरेस्टर’ उपकरण हैं।जालना में पिछले साल इस घटना में 12 लोगों की मौत हुई और यहां भी सिर्फ तीन ‘बोल्ट अरेस्टर’ उपकरण हैं। हालांकि, बीड जिले में ऐसे 308 उपकरण स्थापित होने के बावजूद 15 लोगों की मौत हुई।रिपोर्ट में बताया गया है कि परभणी में चार उपकरण हैं, लेकिन ये सभी खराब हैं और 2024 में जिले में बिजली गिरने से 10 लोगों की मौत हुई। संभागीय आयुक्त दिलीप गावड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैंने सभी जिला प्रशासनों को उन क्षेत्रों में परिणामों की जांच करने का निर्देश दिया है जहां ‘बोल्ट अरेस्टर’ लगाए गए हैं।’’

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