भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने झारखंड के बीएलओ पर्यवेक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया

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बून्दी। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने आज नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) में झारखंड के फ्रंटलाइन चुनाव कर्मियों के लिए एक दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में 402 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), निर्वाचक नामावली पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ), बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) और बीएलओ पर्यवेक्षक शामिल हैं। पिछले तीन महीनों में, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आईआईआईडीईएम में देश भर से 3000 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया है।
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने झारखंड में मतदाताओं के नामांकन के दौरान जमीनी स्तर पर प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित अनुकरणीय मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(क) और 24(ख) के अंतर्गत पहली और दूसरी अपीलों के प्रावधानों से भली-भांति परिचित हों और मतदाताओं को भी इन प्रावधानों के बारे में जागरूक करें।
यह उल्लेखनीय है कि अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ पहली और दूसरी अपीलें क्रमशः जिलाधिकारी/जिला कलेक्टर/कार्यपालक मजिस्ट्रेट और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के समक्ष की जा सकती हैं। 6 से 10 जनवरी 2025 के बीच विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) अभ्यास के बाद झारखंड से कोई अपील दायर नहीं की गई थी।
राजस्थान के पहले बैच के इस कार्यक्रम में 83 प्रतिभागी शामिल होंगे, जिनमें 3 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), 13 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और 67 बीएलओ पर्यवेक्षक शामिल हैं। यह बैच 26 एवं 27 मई को नई दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त करेगा।
सटीक और अद्यतन मतदाता सूचियों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इन प्रतिभागियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाताओं के पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यक्रम के पाठ्यक्रम में इंटरऐक्टिव सत्र, भूमिकाओं का अभिनय, घर-घर सर्वेक्षण की रूपरेखा, केस स्टडीज और फॉर्म 6, 7 और 8 भरने के व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को वोटर हेल्पलाइन ऐप (वीएचए) और आईटी उपकरणों पर भी प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें ईवीएम और वीवीपैट की तकनीकी डेमोंस्ट्रेशन और मॉक पोल के संचालन का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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