क्वेटा । पाकिस्तान सरकार द्वारा बलूचिस्तान क्षेत्र से लोगों को जबरन गायब करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। एक मानवाधिकार संस्था ने पाकिस्तान के इस कृत्य को “मानवता के विरुद्ध अपराध” बताया है। बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग, ‘पांक’ ने सोमवार को खुलासा किया कि, पाकिस्तानी सेना ने सात और बलूचों को जबरन गायब कर दिया है। रविवार को, मस्तुंग के किल्ली शेखान इलाके के निवासी वजीर खान के बेटे वकास बलूच को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जबरन हिरासत में लिया और उसके घर से ले गए।
मई महीने में ऐसी घटना कई बार हो चुकी है।अन्य पीड़ितों का खुलासा करते हुए ‘पांक’ ने कहा, “18 मई, 2025 को, पाकिस्तानी सेना ने ग्वादर जिले के पसनी तहसील के जिमुरी इलाके के निवासी इज्जत बलूच के बेटे नवीद बलूच को, मस्तुंग के किल्ली शादी खान इलाके के निवासी सालेह मुहम्मद शाद के बेटे एडवोकेट चीफ अत्ताउल्लाह बलूच को जबरन उसके घर से हिरासत में लिया और फिर गायब कर दिया।
16 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों ने बरपी के बेटे शाह नवाज बलूच को उसके पिता के साथ मिलिटरी कैंप नाली बुलाया था, जो अवारन जिले के मश्कई तहसील के लकी इलाके में रहता था। उसके पिता को जाने की अनुमति दे दी गई, लेकिन शाह नवाज को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया और तब से वह गायब है।”एक अन्य घटना में, 17 मई को, नसीराबाद के निवासी अमीन उल्लाह बलूच को सेना ने कलात के शेखरी इलाके से जबरन गायब कर दिया था। उसी दिन से, नसीराबाद के निवासी 13 वर्षीय फियाज अली का कोई पता नहीं चल रहा है।मानवाधिकार संस्था ने आगे बताया कि शनिवार को, नसीराबाद के निवासी पेशे से जमींदार नियाज अली को कलात के शेखरी इलाके से जबरन गायब कर दिया गया था।