पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को साकार करने की दिशा में जिला प्रशासन सक्रिय

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झालावाड़। जिले में पर्यटन को नए आयाम देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय पर्यटन विकास समिति की बैठक शनिवार को मिनी सचिवालय सभागार में जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले के पर्यटन संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिला कलक्टर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि झालावाड़ की ऐतिहासिक धरोहरें, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य जिले को एक विशेष पहचान प्रदान करते हैं। इन विशेषताओं का समुचित प्रचार-प्रसार कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है, जिससे जिले की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति को बल मिलेगा।
बैठक में जिला कलक्टर राठौड़ ने राज्य पुरातत्व विभाग को निर्देशित किया कि गागरोन किले में स्थित विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों की पहचान कर उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से संबंधित विवरण युक्त साईनेज (सूचना पट्ट) प्राथमिकता के आधार पर लगवाए जाएं। इससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को गागरोन किले की समृद्ध विरासत की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
सहायक निदेशक पर्यटन सिराज कुरैशी ने बैठक में अवगत कराया कि जिले में कई पर्यटन विकास परियोजनाएं प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया कि चांदखेड़ी स्थित ऐतिहासिक जैन मंदिर और गागरोन स्थित दरगाह मिट्ठेशाह महाबली का विकास कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त रेन बसेरा निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
जिला कलक्टर ने मिश्रोली के पास प्रस्तावित जियो टूरिज्म साइट के संरक्षण को भी विशेष प्राथमिकता देते हुए खनन विभाग को निर्देश दिए कि प्राकृतिक बेसाल्ट स्तंभों के क्षेत्र को चिह्नित किया जाए। साथ ही कहा कि इस क्षेत्र में स्थानीय खनन व्यवसायियों के सहयोग से ‘बेसाल्ट म्यूजियम’ की स्थापना की जाए, जो न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि जिले के भू-वैज्ञानिक महत्व को भी उजागर करेगा।
जिला कलक्टर राठौड़ ने मदन विलास पैलेस पर विवरण बोर्ड लगाने, आसपास के कचरे को साफ करवाने, रंग रोगन करवाने के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी जो निर्देश दिए।
राज्य पुरातत्त्व विभाग के संरक्षित स्मारकों की सूची में रामानंद जी की छतरी, रोमन एक्वाडक्ट, गंगधार स्थित पुरातत्व महत्त्व के स्थलों सहित अन्य ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को शामिल करवाने हेतु पुरातत्व विभाग को निर्देश दिए।
बैठक में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार, आवश्यक अधोसंरचना विकास और जन सहभागिता के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहित करने की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई।बजट घोषणा 2025-26 अंतर्गत प्रस्ताव यथा शीघ्र विभाग को भिजवाने हेतु पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिए।
बैठक में उप वन संरक्षक सागर पंवार, अतिरिक्त जिला कलक्टर सत्यनारायण आमेटा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीना, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता मुकेश चन्द मीणा, अधिशाषी अभियंता हुकुम चन्द मीणा, पर्यटन अधिकारी सिराज कुरैशी, सहायक खनि अभियंता देवीलाल बंशीवाल, इंटेक के संयोजक राज्यपाल शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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