टोंक। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टोंक ने बाल विवाह को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्राधिकरण को दूरभाष पर सूचना प्राप्त हुई कि नौन्दपुरा थाना मेहन्दवास निवासी द्वारा अपनी नाबालिग पुत्री का बाल विवाह अक्षया तृतीया के दिन महापुरा अमरिया बुल तहसील इन्द्रगढ़ए जिला बूंदी के संग किया जा जायेगा । सूचना मिलने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टोंक के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार जलुथरिया के निर्देशन में तत्परता से कार्यवाही की जाकर जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को सूचित किया गया एवं नाबालिग के परिवार, माता-पिता एवं नाबालिग की समझाइश हेतु विधिक जागरूकता दल का गठन किया गया। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गठित दल के सदस्य असिस्टेंट एल. ए. डी.सी. निपुण चौहान एवं अधिकार मित्र चंद्रकला शर्मा बालिका के निवास स्थल पर पहुंचे जहां घरवालों से समझाइश की एवं बताया कि बाल विवाह एक गंभीर अपराध है, जो भारतीय समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं तथा बाल विवाह करना बच्ची के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए घातक कदम है। काउंसलिंग एवं समझाइश के बाद परिवार बाल विवाह नहीं करने पर राजी हो गए । इस पहल के माध्यम से राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशों के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टोंक ने बाल विवाह के खिलाफ अपने कड़े कदम स्पष्ट किए हैं। न्यायाधीश द्वारा अक्षया तृतीया को मध्य नजर रखते हुए सघन बाल विवाह रोकथाम अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है । यह कार्रवाई समाज में उसी कड़ी में एक सशक्त संदेश भेजने के रूप में देखी जाएगी।

विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रूकवाया गया बाल विवाह
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