मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश के बाद रणथंभौर जायजा लेने पहुंचे खंडार विधायक गोठवाल

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सवाई माधोपुर। रणथंभौर नेशनल पार्क के मध्य स्थित त्रिनेत्र गणेश मार्ग को आखिरकार वन विभाग ने 9 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर से खोल दिया । हालांकि इस बार वन विभाग ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुवे पैदल यात्रियों एंव दुपहिया वाहनों के प्रवेश पर अभी भी रोक लगा रखी है और सिर्फ आरजे 25 नम्बर वाले चौपहिया वाहनों एंव टैक्सियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है।

रणथंभौर नेशनल पार्क में विगत 16 अप्रैल को टाईगर हमले में हुई एक सात वर्षीय बालक की मौत के बाद वन विभाग द्वारा त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए 24 अप्रैल तक के लिए पूर्ण तया बंद कर दिया गया था ,जिसके चलते त्रिनेत्र गणेश दर्शनों को आने वाले श्रद्धालु रणथंभौर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर नहीं जा पा रहे थे और विगत 9 दिनों से त्रिनेत्र गणेश के दर्शन नही कर पा रहे है । त्रिनेत्र गणेश मार्ग बंद होने से दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओ को मजबूरन रणथंभौर के प्रवेश द्वार पर ही ढोक लगाकर वापस लौटना पड़ रहा है । जिसे लेकर विगत दिनों श्रद्धालुओं व गणेश मंदिर से जुड़े लोगों द्वारा त्रिनेत्र गणेश मार्ग खोलने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया गया । लोगो के बढ़ते आक्रोश को देखते हुवे आखिरकार आज वन विभाग ने विशेष सुरक्षा इंतजामों के साथ एक बार फिर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को श्रद्धालुओ के लिए खोल दिया ।

रणथंभौर वन प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओ के लिए त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग खोलने के बाद आज खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल स्थानीय वनाधिकारियों के साथ रणथंभौर पहुँचे ओर त्रिनेत्र गणेश मार्ग का दौरा कर श्रद्धालुओं के लिए वन विभाग द्वारा किये गए इंतजामों का जायजा लिया और वनाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए । वन विभाग के फॉरेस्टर योगेश शर्मा ने बताया कि त्रिनेत्र गणेश दर्शनो के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कई अहम कदम उठाए गए है । त्रिनेत्र गणेश मार्ग ओर तकरीबन 17 से 18 बाघों का मूवमेंट रहता है , ऐसे में त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओ के साथ कोई अनहोनी नही हो इसे लेकर वन विभग द्वारा भेलेही त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को खोल दिया गया है ,लेकिन पैदल यात्रियों एंव दुपहिया वाहनों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है ,वही महज आर जे 25 नम्बर वाले निजी वाहनों को ही प्रवेश दिया जायेगा ,दुपहिया वाहनों एंव अन्य वाहनों के लिए वन विभाग द्वारा शेरपुर हेलिपैड पर निशुल्क अस्थायी पार्किंग बनाई गई है ,जहाँ से वन विभाग द्वारा करीब 30 टैक्सियों ओर कैंटर श्रद्धालुओ के लिए संचालित किए जा रहे है जो शेरपुर हेलीपैड से रणथंभौर दुर्ग के प्रवेश द्वार तक संचालत किये जा रहे है ,ताकि त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके और कोई जनहानी नही हो । वही वन विभाग द्वारा रणथंभौर के मुख्य प्रवेश द्वारा गणेश धाम से लेकर रणथंभौर दुर्ग तक के मार्ग से झाड़ियों को हटाया गया है ताकि टाइगर मूवमेंट पर दूर तक नजर रखी जा सके ।

खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए सात वर्षिय बालक कार्तिक सुमन की मौत पर दुख जताते हुवे कहा कि घटना के बाद से ही मुख्यमंत्री भजनलाल लाल शर्मा लगातार वनाधिकारियों से संपर्क में है । मुख्यमंत्री वनाधिकारियों से लगातार अपडेट लेकर रहे है । गोठवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को सबसे अधिक चिंता त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओं की है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ही आज उन्होंने त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग का जायजा लिया गया है। विधायक गोठवाल ने कहा कि वन विभाग द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पैदल यात्री, दुपहिया वाहनों पर रोक लगाई गई है। विभाग द्वारा गणेश धाम से रणथम्भौर दुर्ग तक 30 टैक्सी लगाई गई है। शेरपुर हैलीपेड पर एक अस्थायी निशुल्क पार्किंग भी बनाई गई है। जिसमें सवाई माधोपुर से बाहर से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन पार्क कर सकेंगे। जिसके बाद ही वे टैक्सी से त्रिनेत्र गणेश के दर्शनों को जा सकेगे। वन विभाग द्वारा त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग के आसपास से झाड़ियों की भी सफाई की गई है। जिससे बाघ, बाघिन दूर से नजर आ सके। वहीं आरजे 25 के अलावा अन्य जिलों के वाहनों पर प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर सीसीएफ अनूप के आर का कहना है कि सवाई माधोपुर के लोग टाइगर बिहेवियर को जानते हैं। जबकि दूसरे जिलों से आने वाले श्रद्धालु बीच में रूक जाते है इर सेल्फी लेने लगते हैं। जिससे खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अन्य जिलों के श्रद्धालुओं के लिए ट्रैक्सी की व्यवस्था की गई है।

रणथंभौर में विगत दिनों टाईगर हमले में सात वर्षीय बालक की मौत के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुवे थे और वन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के कई गंभीर आरोप भी लगे थे ,ऐसे में अब रणथंभौर वन प्रशासन त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओ की सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर आ रहा है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिये कई अहम कदम भी उठा रहा है ,लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अभी भी त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग व रणथंभौर दुर्ग के आस पास 17 से 18 बाघ-बाघिन एंव शावकों का मूवमेंट रहता है ऐसे में अगर फिर से कोई अनहोनी हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ।

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