अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास को दर्शाया जाएगा। राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्तों का ज्ञानवर्धन करने के उद्देश्य से राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास को बताने वाली पीतल की प्लेटों को यहां स्थापित किया गया है।रामनवमी का आयोजन इस वर्ष छह अप्रैल को किया गया है। रामनवमी के मौके पर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के माथ पर सूर्य तिलक चमक उठा है। सूर्य तिलक दोपहर के समय हुआ जब सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति के माथे पर पड़ी। ये बेहद सटीकता के साथ बनीं और दिव्य तिलक से रामलला का मस्तक सुशोभित हुआ।
वहीं रामनवमी के मौके पर चौधरी चरण सिंह घाट पर सरयू नदी के तट पर 2.5 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाए गए। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि राम मंदिर परिसर का निर्माण अप्रैल के महीने तक पूरा होगा।समिति के अध्यक्ष ने कहा, “मंदिर के बाहर या अंदर स्थित सभी मूर्तियां 30 अप्रैल तक यहां आ जाएंगी और लगभग सभी मूर्तियां 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच स्थापित कर दी जाएंगी।” 2024 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अनुष्ठान करेंगे।