‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करते : अटॉर्नी जनरल

ram

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने मंगलवार को एक संसदीय समिति से कहा कि एक साथ चुनाव कराने से जुड़े विधेयक संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करते और कानून की दृष्टि से सही हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।सूत्रों ने कहा कि संसद की संयुक्त समिति के समक्ष पेश हुए कुछ कानूनी विशेषज्ञों ने संविधान संशोधन विधेयक के कुछ पहलुओं पर विभिन्न सदस्यों की चिंताओं को साझा किया। वहीं वेंकटरमणी ने जोर दिया कि प्रस्तावित कानूनों में किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है।विपक्षी दलों ने इन विधेयकों को संविधान का उल्लंघन बताया है। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल, जो अभी दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष हैं, ने अपनी प्रस्तुति में ‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव’’ प्रस्ताव के सकारात्मक पहलुओं के साथ-साथ चुनौतियों पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि यह अवधारणा राष्ट्र के लिए अच्छी है और किसी भी प्रस्तावित कानून में हमेशा सुधार किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि जब पटेल ने एक साथ चुनाव कराने की वैश्विक प्रथा को उद्धृत किया तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने सवाल किया कि क्या स्वीडन और बेल्जियम जैसे देशों की तुलना भारत जैसे देश से की जा सकती है, प्रियंका ने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लाभ के बारे में सभी दावे ज्यादातर अनुमान हैं, क्योंकि कोई अध्ययन नहीं किया गया है।सूत्रों ने कहा कि वेंकटरमणी ने सदस्यों से कहा कि वह भारत के अटॉर्नी जनरल हैं, न कि सरकार के। उन्होंने यह टिप्पणी संभवत: इस धारणा को दूर करने के लिए की कि वह इस मामले में सरकार की राय का समर्थन करेंगे।समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद पी पी चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि एक साथ चुनाव कराना देश के हित में है, और समिति इसे लागू करने के सर्वोत्तम तरीकों पर विचार-विमर्श कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *