जयपुर। विधानसभा क्षेत्र सांचौर में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सरकारी औऱ अन्य जमीनों पर जारी किए गए फर्जी पट्टों की जांच कराई जाएगी। अगर इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में सदन को यह भरोसा दिलाया। विधायक जीवाराम चौधरी के मूल प्रश्न के जवाब में नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री खर्रा ने यह भी कहा कि इस सदन के वरिष्ठ सदस्य औऱ पूर्व मंत्री के अनुरोध पर उनके कार्यकाल में हुए फर्जी पट्टों समेत तमाम कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सदन में घोषणा की है। इस मामले को भी उसी जांच के दायरे में लाया जाएगा।
इससे पहले सवाल के माध्यम से विधायक जीवाराम चौधरी ने जानन चाहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में प्रशासन शहरों के संग अभियान के नाम पर पूरे प्रदेश में अनेक जगहों पर फर्जी पट्टे जारी किए गए थे। ऐसे पट्टे लेने वालों में अधिकांश कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। सांचौर में भी महिला एवं बाल विकास विभाग की जमीन पर फर्जी पट्टे जारी कर दिए गए। शिकायत होने पर 13 पट्टों को निरस्त भी किया गया है। क्या सरकार ऐसे सभी मामलों की जांच करके तमाम फर्जी पट्टों को निरस्त करना चाहती है अथवा नहीं। विधायक जीवाराम के सवाल के जवाब में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने स्वीकार किया कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्य़काल साल 2018 से 2023 के दौरान सांचौर में कुल 7006 पट्टे जारी किए गए थे। इनमें से 3891 पट्टे कृषि भूमि पर दिए गए। जबकि बाकी पट्टे अन्य श्रेणियों में जारी किए गए थे। शिकायत मिलने पर जांच के बाद 13 पट्टों को निरस्त किया गया। खर्रा ने साफ शब्दों में कहा कि बिना जांच किए हमारी सरकार किसी पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।