पशुपालन विभाग द्वारा उभरते जूनोटिक रोगों की तैयारी और एक स्वास्थ्य विषय पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित

ram

जयपुर। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने कहा कि आज की परिस्थिति में जूनोटिक रोग सार्वजनिक स्वास्थ्य की जोखिम की स्थिति को दर्शाते हैं, इसलिए इसकी पहचान करना बहुत आवश्यक है। डॉ सेजरा आज पशुपालन विभाग द्वारा राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान, जामडोली में एस्केड योजना के तहत उभरते जूनोटिक रोगों की तैयारी और एक स्वास्थ्य विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

डॉ सेजरा ने कहा कि इन रोगों के बारे में आम जन को भी जागरूक करना आवश्यक है। यह जागरूकता रोग की शुरूआती पहचान, रोकथाम और नियंत्रण में सहायक है, जिससे अंततः सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है। जूनोटिक और गैर जूनोटिक रोगों के बीच में अंतर के बारे में जनता को शिक्षित करने से अनावश्यक भय को दूर करने में सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि उभरते जूनोटिक रोगों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए वन हेल्थ महत्वपूर्ण है। वन हेल्थ का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, मिट्टी, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र जैसे विभिन्न विषयों के ज्ञान को कई स्तरों पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना है जो सभी प्रजातियों के स्वास्थ्य में सुधार, रक्षा और बचाव के लिए जरूरी है।

उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी जानकारियों को रिफ्रेश करना जरूरी होता है। हमारे सामने किस तरह की नई बीमारियां आ रही हैं किस तरह की चुनौतियां आ रही हैं और उनसे निपटने के लिए हमें क्या करना चाहिए इन सब मुद्दों पर बात करना आवश्यक है। फील्ड में काम कर रहे डॉक्टर्स भी अपनी बात साझा करें अपनी समस्याएं बताएं जिससे अच्छी योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने डॉक्टर्स का आह्वान किया कि आप जो भी जानकारी यहां से लेकर जाएं उसे अपने तक ही सीमित न रखें बल्कि लोगों तक पहुचाएं। उन्होंने प्रतिभागियों को कहा कि अपने प्रोफेशन के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करते हुए हमें अधिक से अधिक पशओं और पशुपालकों के हित में काम करना है।

इस अवसर पर विभाग के वित्तीय सलाहकार मनोज शांडिल्य ने प्रतिभागियों से अपील की कि हमें अपने सभी अभावों और कमियों के बीच से रास्ता निकालते हुए सामने आने वाली चुनौतियों से निपटना है और अपने काम के साथ साथ विभाग को भी उन्नति की ओर लेकर जाना है।

इस एक दिवसीय सेमिनार में पशुओं के बीच उभरती बीमारियां, वन हेल्थ : समय की जरूरत, रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) एवियन इन्फ्लूएंजा की रोकथाम आदि विषयों पर विशेषज्ञों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। सेमिनार का संचालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ हेमंत पंत ने किया। सेमिनार के उद्देश्य पर संयुक्त निदेशक डॉ तपेश माथुर ने प्रकाश डाला। सेमिनार में विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेश मीना, डॉ दिनेश राणा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और डॉक्टर्स उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *